गर्दन के पीछे हिस्से में असुविधा या फिर दर्द होने को सर्वाइकल दर्द कहा जाता है | यह दर्द अक्सर मांसपेशियों में खिंचाव पड़ने से, चोट लगने से और गठिया जैसी अपक्षीय स्थितियों के कारण उत्पन्न होता है | जिसकी वजह से गर्दन में अकड़न, सिरदर्द और गर्दन की गति सिमित हो सकती है, जो दैनिक गतिविधियों या फिर जीवन के गुणवत्ता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है | आइये जानते है सर्विकल दर्द के मुख्य लक्षण और कारण क्या है :-
सर्वाइकल दर्द के प्रमुख लक्षण
सर्वाइकल दर्द के लक्षण इसके अंतनिर्हित कारण के आधार पर अलग-अलग हो सकते है, जिसके सामान्य लक्षणों में शामिल है :-
- गर्दन में धीरे-धीरे या फिर लगातार दर्द का अनुभव होना, जो हलके से लेकर तीव्र हो सकता है |
- गर्दन को हिलाने के समय तकलीफ होना, खासकर तब, जब सिर को एक तरफ से दूसरी और मोड़ना हो |
- तीव्र सिरदर्द होना, जो गर्दन से शुरू होकर सिर के पीछे और कनपटी तक फैलता है |
- ऐसे दर्द का अनुभव होना, जो कंधों से लेकर बाहों तक फैलता हो |
- बाहों, हाथों या फिर उंगलियों में सुई जैसी चुभन का एहसास होना या फिर सुन्न होना, जो तंत्रिका में शामिल होने का संकेत देती हो |
- हाथों की पकड़ में कमज़ोरी आना
- बिना किसी कारण गर्दन को स्वतंत्र से हिलाने की क्षमता में कमी होना |
- चक्कर आना
- कुछ भी निगलने में परेशानी होना
यह लक्षण आपके दैनिक गतिविधियों और जीवन के गुणवत्ता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते है | इसके कारण को जाने के लिए और उपचार को प्राप्त करने के लिए लगातार मेडिकल चेकअप करवाना एक पीड़ित व्यक्ति के लिए बेहद ज़रूरी होता है |
सर्वाइकल दर्द के प्रमुख कारण
सर्वाइकल दर्द होने के कई कारण हो सकते है, जो मामूली से लेकर अधिक गंभीर वाले स्थितियों को उत्पन्न कर सकता है | जिसमें शामिल है :-
- उम्र का बढ़ना :- बढ़ती उम्र के साथ-साथ डिस्क भी घिसने लग जाती है, जो सर्वाइकल दर्द होने का कारण बन सकते है |
- हर्नियेटेड डिस्क :- गंभीर चोट लगने की वजह से डिस्क का बाहरी आवरण फट सकता है, जो दर्द का कारण बनते है |
- स्पाइनल स्टेनोसिस :- इससे रीढ़ की हड्डी संकरी हो जाती है, जिसकी वजह से नसों और रीढ़ की हड्डी में दबाव पड़ने लग जाता है |
- रूमेटाइड गठिया :- यह एक ऑटोइम्यून स्थिति होती है, जिससे जोड़ों में पुरानी सूजन होती है |
- शारीरिक तनाव पड़ना :- शारीरक और मानसिक तनाव पड़ने से भी यह गर्दन में दर्द का कारण बन सकते है |
- खराब मुद्रा होना :- कंप्यूटर जैसे डिजिटल उपकरण में लगातार काम करने से सर्वाइकल दर्द उत्पन्न हो सकता है |
सर्वाइकल दर्द की वजह से आपके रोज़ाना जीवनशैली प्रभावित हो सकती है, इसलिए इस स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना और इलाज करना बेहद ज़रूरी होता है | इलाज के लिए आप घरेलु उपचार का भी उपयोग कर सकते है |
सर्वाइकल दर्द के लिए घरेलू उपचार
घरेलू उपचार सर्वाइकल दर्द में प्रबंधित लगाने के लिए और इसके प्रभाव को कम करने के लिए सक्षम होते है | घरेलू उपचार के लिए आप निम्नलिखित तकनीकों को अपना सकते है :-
- ठंडे या फिर हीटिंग पैड से सिकाई करें, इससे सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है |
- रोज़ाना गर्दन की स्ट्रेचिंग करें, सर्विक्स और रीढ़ की हड्डी को बेहतर समर्थन के लिए कंधे सिंकुडने और गर्दन को घूमने वाले व्यायाम करें |
- योगासन का अभ्यास करें |
- अपनी जीवनशैली में परिवर्तन लाएं, जैसे की काम के दौरान एक नियमित ब्रेक लें, सोने के दौरान हलके तकिये का उपयोग करें आदि |
- संतुलित भोजन का सेवन करें और नियमित रूप से पानी पिएं |
- डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं का समय पर सेवन करें, इससे दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है |
- तनाव में प्रबंधन लगाएं |
इस घरेलू उपचारों की मदद से सर्वाइकल दर्द से पड़ने वाले प्रभाव को कम करने में और इससे दोबारा से होने से रोका जा सकता है | हालांकि अगर यह सब करने के बावजूद भी सवाईकल दर्द कम नहीं हो रहा या फिर बढ़ते ही जा रहा है तो बेहतर यही है की मूल्यांकन और बेहतर इलाज के लिए एक्सपर्ट्स से मुलाकात करें | इसके लिए आप डॉक्टर अमित मित्तल से मिल सकते है |
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