जानिए क्या है ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर्स और कैसे किया जाता है इनका उपचार?

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जानिए क्या है ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर्स और कैसे किया जाता है इनका उपचार?

ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर्स की अगर बात करें तो दोनों ही हमारे शरीर से जुड़े हुए भाग है। वही ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर्स की समस्या किन कारणों से होती है और इनको हम कैसे ठीक कर सकते है इसके बारे में आज के लेख में चर्चा करेंगे, तो आप भी अगर इस तरह की समस्या का सामना कर रहें है तो इससे बचाव के लिए आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहें ;

क्या है ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर्स ?

  • “ब्रेन डिसऑर्डर्स” की बात करें तो ये व्यक्ति को तब प्रभावित करते है जब व्यक्ति का मस्तिष्क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाता है, वही जब दिमाग क्षतिग्रस्त होता है तो यह आपकी स्मृति, आपकी संवेदना और यहां तक ​​कि आपके व्यक्तित्व सहित कई अलग-अलग चीजों को प्रभावित कर सकता है। 
  • इसके अलावा “स्पाइन डिसऑर्डर्स” की अगर बात करें तो ऐसा होने पर आपको कंधे से लेकर गर्दन और कमर में दर्द की शिकायत हो सकती है, आप गर्दन और पीठ में दर्द, जलन या चुभन सी महसूस कर सकते है। ब्लैडर या आंत में खराबी, जी मिचलाना, उल्टी और हाथ-पैरों मे दर्द की समस्या हो सकती है, पैरालाइज, हाथ-पैरों का सुन्न पड़ना भी स्पाइन डिसॉर्डर के अंतर्गत ही आते है।

ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर्स के बारे में विस्तार से जानने के लिए लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट का चुनाव करें।

ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर्स के लक्षण क्या है ? 

  • “स्पाइन डिसऑर्डर्स” की बात करें तो इसमें रीढ़ की हड्डी का सुन्न होना शामिल है। 
  • कमज़ोरी की समस्या। 
  • गर्दन या पीठ में हल्के या तेज जलन वाले दर्द का अनुभव करना। 
  • उल्टी या मतली की समस्या। 
  • कंधे या पीठ का गोल होना। 
  • आंत्र या मूत्राशय की शिथिलता का सामना करना।
  • “ब्रेन डिसऑर्डर्स” की बात करें तो इसमें सिर दर्द, चेहरे, हाथ या पैर में अचानक सुन्नता या कमजोरी, खासकर शरीर के एक तरफ।
  • अचानक भ्रम की स्थिति का सामना करना। 
  • बोलने में परेशानी का सामना करना। 
  • भाषण समझने में कठिनाई का सामना करना। 
  • एक या दोनों आँखों से देखने में अचानक परेशानी। 
  • चलने में अचानक परेशानी, या चक्कर का आना।

ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर्स का इलाज क्या है ?

  • स्पाइन डिसऑर्डर्स की यदि बात करें तो इस समस्या की वजह से किसी इंसान को स्पाइनल ट्यूमर हो सकता है और जब ट्यूमर की समस्या होती है तो इसके लिए व्यक्ति को सर्जरी करानी पड़ सकती है और इस सर्जरी में रेडिएशन थैरेपी या कीमोथैरेपी की जा सकती है। इसके अलावा अन्य स्पाइन डिसॉर्डर के लिए बैक ब्रेसिंग, इंजरी के लिए आइस या हीट थैरेपी, इंजेक्शन, दवाएं, पीठ या पेट की मांसपेशियों की मजबूती के लिए फिजिकल थैरेपी जैसे विकल्प मौजूद है। 
  • ब्रेन डिसऑर्डर्स की बात करें तो इसमें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को प्रबंधित करने और भावनात्मक समर्थन प्रदान करने के परामर्श और संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी। अल्जाइमर और मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसी कुछ स्थितियों के लक्षणों में सुधार करने और स्ट्रोक की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए आहार, व्यायाम और तनाव प्रबंधन। 

यदि आपको अपने ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर्स का इलाज सर्जरी के माध्यम से करवाना है तो इसके लिए आप लुधियाना में बेस्ट न्यूरोसर्जन का चयन करें।

ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर्स के लिए बेस्ट हॉस्पिटल व सेंटर !

अगर आपके ब्रेन या स्पाइन के हिस्से में किसी तरह की गंभीर चोट लग गई है, तो इससे बचाव के लिए आपको न्यूरो लाइफ ब्रेन एन्ड स्पाइन सेंटर के अनुभवी डॉक्टरों और सर्जनों का चयन करना चाहिए ताकि आपको आपकी समस्या का हल मिल सकें।

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किन पांच चीजों के इस्तेमाल से कभी भी बढ़ सकता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा !

दिमाग में होने वाला स्ट्रोक बहुत ही गंभीर होता है। वही इसके प्रभाव सेहत पर लंबे समय तक बने रह सकते है। जिसे ब्रेन अटैक भी कहा जा सकता है। तो बात करें इससे ठीक होने की संभावना सभी में अलगअलग हो सकती है। इसके अलावा किन चीजों के इस्तेमाल से ये समस्या और बढ़ सकती है और हम किन कारणों के बारे में जानकर इस समस्या से निजात पा सकते है, तो अगर आप भी ब्रेन स्ट्रोक की समस्या से निजात पाना चाहते है तो आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहें ;

क्या होता है स्ट्रोक ?

  • लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट बताते है की स्ट्रोक एक जानलेवा स्थिति है जो तब होती है जब आपके मस्तिष्क के हिस्से में पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं हो पाता।

  • यह आमतौर पर मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनी के कारण बाधित हुए रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन के कारण या मस्तिष्क में रक्त धमनी फटने की वजह से हुए रक्तस्राव के कारण होता है।

  • वही रक्त की निरंतर आपूर्ति के बिना, उस क्षेत्र में मस्तिष्क की कोशिकाएं ऑक्सीजन की कमी से मरने लगती है जो कि स्ट्रोक का रूप लेता है, जिसे ब्रेन डैमेज भी कहा जाता है।

किन कारणों से बढ़ता है स्ट्रोक का खतरा ?

  • हाई ब्लड प्रेशर के कारण।

  • ब्लड में शुगर का हाई लेवल होना।

  • मोटापे की समस्या के कारण।

  • कोलेस्ट्रॉल लेवल का बढ़ना।

  • बढ़ती उम्र भी इसके एक कारणों में शामिल है।

स्ट्रोक का खतरा किन चीजों के इस्तेमाल से बढ़ता है ?

  • पहली चीज अगर आप चाहते है की स्ट्रोक का खतरा न बढ़े तो इसके लिए व्यक्ति को ब्रेड का सेवन नहीं करना चाहिए क्युकि ब्रेड में सोडियम का लेवल सबसे ज्यादा होता है। इसलिए दिमागी आघात से बचने के लिए हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को ब्रेड नहीं खाना चाहिए।

  • सैंडविच के अंदर भी ब्रेड वाले मिनरल बहुत मात्रा में पाया जाता है। क्योंकि, इसमें ब्रेड की दो स्लाइस, मस्टर्ड सॉस, चीज़ आदि इंग्रीडिएंट्स होते है। और इन सभी चीजों के अंदर स्ट्रोक लाने वाला सोडियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

  • इसके अलावा अगर आपको उच्च रक्तचाप की बीमारी है, तो अंडे और ऑमलेट को भी नियंत्रित मात्रा में खाएं।

  • स्ट्रोक के खतरे से बचने के लिए आपको पिज्जा, सूप, चिकन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।

  • सॉफ्ट ड्रिंक्स पीने से बचे क्युकि आप रोजाना अगर सॉफ्ट ड्रिंक्स का इस्तेमाल करते है तो आपको स्ट्रोक पड़ने का खतरा 40 फीसदी और बढ़ सकता है।

लुधियाना में बेस्ट न्यूरोसर्जन का कहना है की अगर आप चाहते है की आपको स्ट्रोक के कारण अपने दिमाग की सर्जरी न करवानी पड़े तो इसके लिए आपको उपरोक्त खाने की चीजों से परहेज करना होगा।

स्ट्रोक के लिए बेस्ट हॉस्पिटल व सेंटर !

  • स्ट्रोक या ब्रेन स्ट्रोक की समस्या से निजात पाने के लिए सबसे पहले आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना होगा और ये बदलाव आप कैसे ला सकते है इसके बार्रे में जानने के लिए आपको न्यूरो लाइफ ब्रेन एन्ड स्पाइन सेंटर का चयन करना चाहिए।आपको बता दे की यहाँ के अनुभवी न्यूरोलॉजिस्ट के द्वारा आपको काफी अच्छे से सलाह दी जाएगी की आपको स्ट्रोक की समस्या के लिए कैसे जीवनशैली को अपनाना है और इस समस्या के लिए आपको सर्जरी का चयन करना चाहिए या दवाई के बल पर आपकी परेशानी ठीक हो सकती है।

निष्कर्ष :

  • स्ट्रोक या ब्रेन स्ट्रोक की समस्या काफी खतरनाक है, इसलिए इस समस्या के उत्पन्न होते ही जल्द डॉक्टर के सम्पर्क में आए।

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शरीर में गंभीर लक्षण दिखने पर फौरन करें डॉक्टर का चयन !

अगर हमे ज़िन्दगी अच्छे से जीना है तो उसके लिए हमारे शरीर का स्वास्थ्य रहना बहुत जरूरी है। इसके अलावा अगर हमारे शरीर में कोई भी समस्या हो तो उसके लिए हमे जल्दी ही डॉक्टर का चयन कर लेना चाहिए, तो वही ऐसे कौन-से लक्षण है जो अगर हममें दिखे तो हमे सतर्क हो जाना चाहिए, इसके बारे में बात करेंगे। इसलिए अगर आप चाहते है कि आपका शरीर स्वास्थ्य रहें तो इसके लिए आपको आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ना चाहिए ;  

शरीर को स्वास्थ्य रखने के लिए क्या करना चाहिए ?

  • इसके अलावा योग को भी अपनी रोजाना की दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। क्युकि योग करने से व्यक्ति निरोग रहता है। 

शरीर में किसी भी तरह की समस्या कब उत्पन होती है ?

  • जब हमारे द्वारा हद से ज्यादा एक ही जगह पर बैठ कर काम किया जाता है तो हमारे शरीर में तरह-तरह की समस्या उत्पन हो जाती है जैसे, सिर, गर्दन और पीठ में दर्द का होना।  
  • भाग दौड़ भरे दिन की शुरुआत करने के चक्कर में हम हेल्थी डाइट नहीं ले पाते या हम अपने खान-पान की तरफ अच्छे से ध्यान नहीं दे पाते जिसकी वजह से हमारे शरीर में तरह-तरह की समस्या उत्पन हो जाती है और ये समस्या कई बार सर्जरी का रूप भी धारण कर लेती है।  

अगर आपके शरीर में भी उपरोक्त समस्या उत्पन हो गई है तो इससे बचाव के लिए आपको बेस्ट न्यूरोसर्जन लुधियाना के सम्पर्क में आना चाहिए। 

शरीर में कौन-से लक्षण दिखने पर हम अस्वास्थ्य महसूस करते है ?

  • “हाथ और पैरों में झनझनाहट” अक्सर लोगों को मामूली बात लगती है। लेकिन हाथ और पैरों में झनझनाहट की समस्या लंबे समय तक बनी रहती है तो ये गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। कई बार हाथ और पैरों में झनझनाहट नसों में ब्लॉकेज की वजह से हो सकती है। इसके अलावा आपको चलने के दौरान पैरों में दर्द, छोटी-छोटी बातों को भूलने जैसी समस्या आपमें उत्पन हो गई है तो इसके लिए आपको तुरंत बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट लुधियाना से संपर्क करना चाहिए। 
  • कई घंटों तक लगातार एक ही पोजीशन में बैठकर कोई काम करने या लगातार गर्दन को एक ही पोजीशन में रखने की वजह से दर्द की समस्या हो सकती है। लगातार गर्दन में दर्द रहने पर भी आपको तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। 
  • अगर आपको लगातार सिर में दर्द रहता है। लेकिन ये दर्द सिर के आगे और पीछे वाले हिस्से में लगातार समस्या बन चुकी है तो आप तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट का चयन करें। डॉक्टर के मुताबिक लगातार सिर में दर्द रहने की वजह से कई मानसिक और शारीरिक बीमारियां हो सकती हैं। कई बार ये दर्द नसों को प्रभावित कर सकती है, जिसकी वजह से आपको परेशानी उठानी पड़ सकती हैं। तो वही कुछ अनुभवी डॉक्टरों का मानना है की सिर दर्द की परेशानी कई बार स्क्रिन (screen) देखने की वजह से भी हो सकती है। 

सुझाव :

अगर आपके शरीर में भी उपरोक्त लक्षण दिखाई दे रहें है तो इससे बचाव के लिए आपको न्यूरो लाइफ ब्रेन एन्ड स्पाइन सेंटर का चयन कर लेना चाहिए। 

निष्कर्ष :

शरीर में किसी भी तरह की समस्या आने पर जल्द ही डॉक्टर का चयन करें, और अपनी सेहत का खास ध्यान रखें।

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सिर,गर्दन और पीठ में दर्द के क्या है लक्षण और कैसे रहे इससे सतर्क ?

 आज के समय की बात की जाए तो लोग काम के ज्यादा दबाव और एक ही जगह पर घंटो बैठने की वजह से उनको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे सिर,गर्दन और पीठ में दर्द की समस्या और ये दर्द व्यक्ति पर अपना काफी बुरा प्रभाव छोड़ता है। इसके अलावा इस तरह के दर्द की समस्या के लक्षण क्या है और कैसे हम इस समस्या से खुद को बाहर निकाल सकते है इसके बारे में भी बात करेंगे, इसलिए आर्टिकल को अंत तक जरूर से पढ़े ;

सिर,गर्दन और पीठ में दर्द की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

  • अकसर यह समस्या हड्डियों से जुड़ी किसी न किसी बीमारी का संकेत जरूर होती है, लेकिन अगर इसके साथ आपको लगातार सिर दर्द की शिकायत भी बनी हुई है और शरीर के अंगों में कुछ बदलाव महसूस हो रहे है तो यह न्यूरोलॉजिकल समस्या की शुरुआत हो सकती है।
  • इसलिए अगर ऐसा कोई भी लक्षण दिख रहा है तो तुरंत डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि न्यूरो से जुड़ी किसी भी बीमारी में तत्काल इलाज की जरूरत होती है।

अगर आप भी सिर,गर्दन और पीठ में दर्द की समस्या से परेशान है तो इससे जल्द निजात पाने के लिए बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट लुधियाना का चयन करें।

सिर,गर्दन और पीठ में दर्द के लक्षण क्या है ?

  • खराब बैठने या सोने की मुद्रा भी आपके सिर और गर्दन के पिछले हिस्से में दर्द बना सकता है। वही शरीर की खराब स्थिति आपकी पीठ, कंधों और गर्दन में तनाव पैदा करती है। यह तनाव सिरदर्द का कारण बन सकता है। इसके अलावा आप अपनी खोपड़ी के आधार पर एक सुस्त, धड़कता हुआ दर्द भी महसूस कर सकते हैं।
  • अगर कोई व्यक्ति बेहोश हो जाता है या उसे अपने चेहरे की बनावट में मामूली परिवर्तन भी नजर आता है तो यह भी न्यूरो समस्या के लक्षण हो सकते है। वही समय पर इनका इलाज़ नहीं होता तो खतरा काफी बढ़ जाता है। इसी समस्या से ही ब्रेन स्ट्रोक भी आता है। स्ट्रोक के कई मामलों में यह देखा जाता है कि मरीज देरी से अस्पताल पहुंचा है। इसका कारण यह है कि लोग न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर के शुरुआती लक्षणों पर ध्यान नहीं देते।

सिर,गर्दन और पीठ में दर्द से बचाव का तरीका ?

  • इसका सबसे अच्छा बचाव का तरीका ये है कि व्यक्ति अगर ज्यादा समय तक एक ही मुद्रा में काम कर रहा है तो उसको अपने बैठने के तरीके में बदलाव लाना चाहिए।
  • दूसरा अगर व्यक्ति गलत मुद्रा में सोता है, तो भी उसको इस समस्या का सामना करना पड़ता है।
  • इसके अलावा थोड़ी बहुत एक्सरसाइज भी व्यक्ति को करते रहना चाहिए रोजाना।
  • तो वही पौष्टिक खाने की चीजों का सेवन करना चाहिए, अपने स्वास्थ्य शरीर के लिए।

अगर आपको भी सिर,गर्दन और पीठ में दर्द की समस्या ने अपना शिकार बना लिया है तो इससे बचाव के लिए आपको न्यूरो लाइफ ब्रेन एन्ड स्पाइन सेंटर का चयन जरूर से करना चाहिए और साथ ही डॉक्टरों के द्वारा बताए गए उपायों को जरूर से आजमाए।

निष्कर्ष :

समस्या कोई भी हो अगर सही समय पर उसका इलाज मिल जाए तो उस समस्या का हमेशा के लिए खात्मा किया जा सकता है, ठीक वैसे ही सिर,गर्दन और पीठ में दर्द की समस्या है अगर ये समस्या आप में रहती है तो लक्षणों को देखते हुए सही समय पर डॉक्टर का चयन जरूर से करें।

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बार-बार चक्कर आने से निजात पाने के क्या है बेहतरीन इलाज !

चक्कर आना कमजोर शरीर की निशानी है, या यू कहे कि कमजोर खान-पान की वजह से ये समस्या उत्पन होती है। यदि चक्कर आने की समस्या आपके सामने भी खड़ी हो रही है, तो इससे निजात कैसे पाना है इस बात का खास ध्यान रखे। इसके इलावा चक्कर क्यों आते है या ये समस्या क्यों उत्पन होती और इससे निजात कैसे पा सकते है, हम इसके बारे में बात करेंगे ;

चक्कर आने की समस्या किस कमी की वजह से उत्पन होती है ?

इस समस्या के बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;

  • कई बार शरीर में खून की कमी, एनीमिया या अन्य किसी शारीरिक समस्या से तेज चक्कर आ सकता है। इसकी वजह से व्यक्ति कहीं भी अचानक उठते ही गिर सकता है। गर्मी में धूप में देर तक घूमने, शरीर में पानी की कमी होने से भी आपको चक्कर जैसा महसूस हो सकता है।
  • इसके आलावा जब आपके शरीर को प्रयाप्त ऑक्सीजन न मिल रही हो तो भी ये समस्या उत्पन हो सकती है।

यदि चक्कर आने की समस्या लगातार आपमें बनी हुई है, तो बिना समय गवाए बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट लुधियाना का चयन करें।

चक्कर आने के मुख्य कारण क्या है ?

इसके कारण निम्नलिखित है ;

  • चक्कर आना आमतौर पर आंखों और कानों को प्रभावित करता है। आमतौर पर असंतुलन यानी की डिस-इक्विलिब्रियम और वर्टिगो, चक्कर आने का मुख्य कारण होते हैं।
  • कमजोर खान-पान और सेहत का अच्छे से ध्यान न रखना भी इसके एक कारण को दर्शाती है।
  • ज्यादा तनाव लेने की वजह से भी चक्कर आने की समस्या उत्पन हो जाती है।

चक्कर आने से छुटकारा पाने के लिए क्या खाएं ?

इससे निजात पाने के लिए निम्न बातो का खास ध्यान रखे ;

  • यदि आपको चक्कर आ रहे है तो आप अदरक को काट कर खा सकते है या अदरक वाली चाय भी आपके चक्कर को रोकने में सहायक मानी जाती है।
  • इसके अलावा ताजा पानी प्रयाप्त मात्रा में पिएं।
  • ब्लैक-टी पिएं, और इसमें तुलसी और अदरक का उपयोग करें।
  • चॉकलेट खाएं।
  • केला खाएं, आइसक्रीम खाएं, ड्राइफ्रूट्स खाएं और दही-चीनी का सेवन भी आपके चक्कर को रोक सकता है।

चक्कर आए तो क्या करे ?

  • यदि आप किसी उचाई पर खड़े है, तो चक्कर आने पर सामान्य जगह पर लेट जाए।
  • चक्कर आने पर पानी पिए, जूस पिए और फल खाने की कोशिश करें।
  • बहुत अधिक दवा लेने से जितना हो सके बचें।
  • यदि चक्कर लगातार आ रहे है तो अपनी आंखे बंद करके लेट जाए।
  • यदि चक्कर के दौरान आपको ब्लड प्रेशर कम महसूस हो रहा हो तो कुछ मीठा खाने की कोशिश करे।
  • इसके इलावा रोज योग और ध्यान लगाने से भी इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।
  • ज्यादा चिंता करने से भी आपको प्रयाप्त साँस न ले पाने और चक्कर आने की समस्या उत्पन हो सकती है, इसके लिए बस आपको करना ये है कि एक गहरी लम्बी सांस ले, जिससे आप ठीक महसूस करेंगे।

सुझाव :

यदि चक्कर की समस्या ज्यादा ही गंभीर है तो न्यूरो लाइफ ब्रेन एन्ड स्पाइन सेंटर के डॉक्टर्स से मिले और उनसे इस समस्या से निजात पाने का बेहतरीन सुझाव ले।

निष्कर्ष :

 समस्या कोई भी हो अगर समय रहते उस पर ध्यान दे दिया जाए तो उस समस्या का ज्यादा गहरा सामना नहीं करना पड़ता। ठीक वैसे ही चक्कर आने की समस्या पर भी लागु होता है। इसलिए उपरोक्त बातो को ध्यान में रखते हुए इस समस्या से निजात पाए।

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सिर में भारीपन के क्या है कारण और इलाज ?

बढ़ते काम व कामयाबी को हासिल करने के लिए लोगों के मन में बहुत सी बाते घूमती है, जिसके चलते उनके सिर में तेज दर्द व सिर में भारीपन की समस्या का उन्हें सामना करना पड़ता है। इसके इलावा इस दर्द से हम कैसे निजात पा सकते है, इसके बारे में भी बात करेंगे।  इसलिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ना ताकि आपको आपकी समस्या का समाधान मिल सके ;

सिर में तेज दर्द भारीपन की समस्या के क्या कारण है ?

इसके कारण को हम निम्न में प्रस्तुत करेंगे ;

  • यदि आपके सिर में तेज दर्द है जिसके कारण माइग्रेन की समस्या उत्पन हो जाती है तो आपको चक्कर आना, और सिर घूमने जैसी और भी बहुत सी समस्याएं उत्पन हो सकती है।
  • थकान के कारण भी हमारे सिर में दर्द की समस्या हो सकती है।
  • यदि आपके सिर व कान में किसी तरह की चोट लग जाए तो भी आपके सिर में दर्द की समस्या उत्पन हो जाती है।
  • तनाव लेने से भी आपको सिर में भारीपन व दर्द का एहसास हो सकता है।
  • तो वही अगर अन्य कारणों की बात करे तो ज्यादा शोर- गुल वाले माहौल में भी हमारे सिर में दर्द की समस्या हो जाती है।

सिर में दर्द के कारणों को यदि आप जान चुके है तो इसके दर्द से निजात पाने लिए बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट लुधियाना से ले सलाह।

सिर दर्द में कैसे पाए जल्दी छुटकारा ?

यदि आपके सिर में दर्द बहुत तेज बढ़ा हुआ है तो इससे निजात पाने के लिए आप एक ट्रिक आजमा सकते है जैसे ;

सिर दर्द होने पर आप अपनी दोनों हथेलियों को सामने की तरफ ले आइए। इसके बाद एक हाथ से दूसरे हाथ के अंगूठे और इंडेक्स फिंगर ( अंगूठे के साथ वाली उंगली जिसे इंडेक्स फिंगर या तर्जनी उंगली कहते है ) के बीच की जगह पर हल्के हाथ से मसाज करें. यह प्रोसेस दोनों हाथों में 2 से 4 मिनट तक दोहराइए। ऐसा करने से आपको सिरदर्द में तुरंत आराम मिलेगा।

सिर दर्द से निजात पाने का इलाज क्या है ?

इसके इलाज को जानना बहुत जरूरी है जैसे ;

  • इसके इलाज के लिए पहले यह जानना जरूरी होता है कि यह भारीपन किस वजह से है? अतः सिर में भारीपन की शिकायत में डॉक्टर से जांच कराकर इसके सही कारण जानकर उचित इलाज कराना जरूरी होता है।
  • सिर में भारीपन के शिकायत में अपने इलाज के साथ-साथ जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए, विभिन्न शारीरिक गतिविधियों में शामिल होना चाहिए, नियमित रूप से रोज सुबह सैर करना चाहिए।
  • इसके अलावा घरेलु इलाज की बात करे सिर में दर्द से निजात पाने के लिए तो आपको अदरक और तुलसी का रस पीना चाहिए।
  • सेब पर नमक डाल के खाए।
  • नींबू वाली चाय पिए।
  • गर्म पानी में नींबू का रस मिलाकर पिए।
  • लौंग के तेल से सिर में मालिश करें आदि।

सुझाव :

सिर में दर्द व भारीपन की समस्या बहुत बुरी होती है इसलिए बहुत से लोग इससे निजात पाना चाहते है यदि आप भी इस समस्या से निजात पाना चाहते है तो न्यूरो लाइफ ब्रेन एन्ड स्पाइन सेंटर के बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर से जरूर सम्पर्क करे।

निष्कर्ष :

समस्या कोई भी हो जब तक उसके बारे में अच्छे से न पता चले तब तक उसका निपटारा नहीं किया जा सकता है। इसलिए आपको किसी भी तरह की समस्या है, तो उसके लिए डॉक्टर के पास जरूर से जाए और इस समस्या से हमेशा के लिए निजात पाए।

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तेज सिर दर्द में दवाई खाने से झेलना पड़ सकता है, लकवे की बीमारी को !

काम का अत्यधिक बोझ लोगो को सिर दर्द की बीमारी की तरफ लेते जा रहा है। और कई बार हम इस दर्द से बचने के लिए बिना डॉक्टर के सलाह पर दवाई ले लेते है, जोकि अंत में हमारे अंदर लकवे की बीमारी को उत्पन करने में काफी सहायक माना जाता है।

सिर दर्द की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

सिर में तेज दर्द की समस्या निम्न वजह से होती है ;

  • कई बार सिर में दर्द जब हम ज्यादा टेंशन लेते है तब होता है। इसके इलावा किसी अपने का बिछड़ जाना भी व्यक्ति के सिर में तेज दर्द होने की वजह को माना जाता है।
  • कई बार एक साथ हम जब ज्यादा बातो को सोचते है, तब भी हम सिर दर्द का शिकार हो जाते है।
  • जब हमारे काम अधूरे रह जाते है, और हमारे द्वारा चाहत रहती है, की हम उस काम को पूरा कर ले और जब वो काम पूरे नहीं हो पाते, तब भी हमारे सिर में तेज दर्द की समस्या उत्पन हो जाती है।
  • बहुत ज्यादा काम करने, पर्याप्त नींद न लेने, समय पर खाना न खाने और शराब का सेवन करने की वजह से तेज सिर दर्द होता है।

अगर आप भी सिर में तेज दर्द की वजह से परेशान रहते है। तो बिना समय गवाए बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट लुधियाना से जरूर संपर्क करे।

क्या तेज सिर दर्द को लकवे का कारण माना जाता है ?

यदि आपको दर्द झेलते हुए 3 घंटे से ज्यादा समय हो गया है, तो आप लकवे की बीमारी का शिकार हो सकते है। ये कैसे हो सकता है, इसके बारे में हम निम्न में और जानकारी प्रस्तुत कर रहे ;

  • सिर दर्द या माइग्रेन की समस्या तब उत्पन होती है। जब हम ज्यादा सोचते है। ऐसी स्थिति में कई बार व्यक्ति लकवे का शिकार भी हो सकता है।
  • इसके इलावा जब हम माइग्रेन, तेज सिर दर्द से परेशान रहते है, तो ये उच्च रक्तचाप की वजह से ही होता है।
  • एक बात गौरतलब करने वाली है, की 100 में से 30 लोगों की मौ-त तेज सर दर्द और लकवे की वजह से होता है। क्युकि सिर दर्द की परेशानी को कोई ज्यादा सीरियस नहीं लेता, इसलिए।
  • यदि आपको सिर दर्द की समस्या को 3 घंटे से ज्यादा झेलते हुए हो गया है. तो आपको डॉक्टर के सम्पर्क में जल्दी से आ जाना चाहिए। नहीं तो आप लकवे की बीमारी का शिकार हो सकते है।

सुझाव :

यदि आपको उपरोक्त में से कोई भी परेशानी है, तो बिना समय गवाए न्यूरो लाइफ ब्रेन एन्ड स्पाइन सेंटर का चुनाव करे। क्युकि समय पर तेज सिर दर्द का इलाज न करवाया जाए तो, ये कई बार लकवे का शिकार भी बना सकता है व्यक्ति को। इसके इलावा यदि आपको तेज दर्द है, सिर में और आप दवाई खा कर चल रहे है, तो कृपया ऐसा न करे। अगर आपको कोई भी परेशानी है, तो बिना डॉक्टर के सलाह पर अपनी मर्ज़ी से कोई भी दवाई न ले।

निष्कर्ष :

उम्मीद करते है, कि आपको पता चल गया होगा, अगर सिर में तेज़ दर्द हो तो हमे लकवे की बीमारी कैसे हो सकती है। इसलिए आपको अगर लकवे की बीमारी नहीं चाहिए। तो समय-समय पर जागरूक हो कर अपना और अपने सेहत का अच्छे से ध्यान रखे।

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सिर, पीठ और गर्दन में दर्द की समस्या से परेशान चल रहे लोग हो जाए सतर्क ?

सिर, पीठ और गर्दन में दर्द की समस्या क्या है ?

ये समस्या काफी गंभीर है जिसको हम नज़रअन्दाज़ कर देते है। जिसकी वजह से निम्न और परेशानियों का सामान करना पड़ता है ;

  • आज के समय की अगर बात करे तो व्यक्ति भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में इतना व्यस्त हो गया है कि अक्सर काम की वजह से कई घंटे एक ही जगह पर बैठ के निकाल देता है। जिसकी वजह से उसको सिर, पीठ और गर्दन में दर्द की समस्या उत्पन हो जाती है।

  • इसके इलावा यदि आपको सिर में दर्द की समस्या भी है या आपके पूरे शरीर में कुछ बदलाव की समस्या उत्पन हो गई है, तो आपको न्यूरोलॉजिकल की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

न्यूरोलॉजिस्ट कौन होते है ?

न्यूरोलॉजिस्ट काफी अनुभवी डॉक्टर होते है, दिमाग से जुडी हर समस्या को दूर करने के लिए, ये कौन होते है इनके बारे में हम आपको निम्न में बताएंगे।

  • एक न्यूरोलॉजिस्ट मस्तिष्क और तंत्रिका प्रणाली के हर रोगों के निदान और उपचार में काफी अनुभवी होते है। वे न्यूरोडेवलपमेंटल डिसऑर्डर, सीखने की अक्षमता और अन्य केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से संबंधित स्थितियों जैसी बीमारियों का भी इलाज करने में माहिर होते हैं।

  • एक न्यूरोलॉजिस्ट को दिमाग से जुडी हर परेशानी का अच्छे से अनुभव होता है।

सिर, पीठ और गर्दन में दर्द या न्यूरोलोजी के लक्षण क्या है ?

  • न्यूरोलोजी संबंधी बीमारियों में आमतौर पर बोलने में अंतर का आना।

  • शारीरिक असंतुलन का होना।

  • शरीर में अकड़न और कमजोरी की समस्या का उत्पन होना।

  • याददाश्त में कमी का होना।

  • उठने, बैठने चलने में परेशानी का सामना करना।

  • शरीर में कंपन की समस्या और मांसपेशियों का कठोर होना।

  • निगलने में या अन्य कोई कठिनाई हो तो आपको बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट लुधियाना से जरूर सम्पर्क करना चाहिए।

न्यूरोलोजी की समस्या उत्पन होने पर किन बातो का रखे ध्यान ?

निम्न बातो का ध्यान रख के हम इस समस्या से निजात पा सकते है ;

  • न्यूरोलॉजिकल रोगों का कोई तत्काल समाधान नहीं है, लेकिन रोगी की अच्छी देखभाल उसे लंबे समय तक स्वस्थ रख सकती है।

  • इसके इलावा स्वास्थ्य खानपान का इस्तेमाल व जीवनशैली को सही करके भी आप इस बीमारी से हमेशा के लिए निजात पा सकते है।

सुझाव :

सिर, पीठ और गर्दन में दर्द की समस्या का उत्पन होना आपकी जीवन शैली को बिगाड़ने में एहम भूमिका निभाने का काम करती है। इसलिए ये समस्या अगर उत्पन हो तो इसे नज़रअंदाज़ न करे, बल्कि समय रहते इसके उपचार को ढूंढ़ने के लिए किसी अच्छे डॉक्टर और क्लिनिक का जरूर से चुनाव करे। इसके इलावा भी आप अगर किसी अन्य क्लिनिक का चुनाव करना चाहते है, तो न्यूरो लाइफ ब्रेन एन्ड स्पाइन सेंटर से भी सम्पर्क कर सकते है।

निष्कर्ष :

शरीर में कोई भी समस्या उत्पन होने पर उसे नज़रअंदाज़ न करे बल्कि समय पर इसका इलाज करवा कर इस बीमारी से हमेशा के लिए निजात पाए। इसके इलावा यदि आप उपरोक्त बीमारी का सामना कर रहे है। तो इसके शुरुआती लक्षण दिखने पर ही न्यूरोलॉजिस्ट से सम्पर्क करे, क्युकि इसके शुरुआती लक्षणों को जान कर आप इस बीमारी का खात्मा जड़ से कर सकते है।