Food Triggers For Migraines Headache

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Food Triggers For Migraines Headache

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Migraine headaches are a thorn in the flesh for most individuals in this hustle and bustle epoch, where we find masses following unhealthy diets at the detriment of their well-being. These diets contain foods that trigger severe headaches, which in turn deters their functionality on a daily basis. This act of not being mindful of the foods they consume is contrary to the belief that “health is wealth”. However, fret not, as there are measures that can be taken to counter this menacing issue.

Let’s dive into some of the foods that people need to stay clear of or consume with caution in order to avoid migraines:

Meats

Careful study has shown that these succulent and juicy meats that are very appetising and finger-licking good, like Ham, Sausages, Bacon and Deli meats, contain preservatives like nitrates and nitrites, which can trigger migraines in some individuals. Nitrates can also convert into nitric oxide in the body, which may lead to headache development. Nitrate contained in these meats can also cause dilation of the blood vessels, which in turn causes severe headaches.

Flavour Enhancers

There are flavour enhancers that are used in popular cuisines, such as Monosodium Glutamate (MSG), commonly found in Chinese dishes and other processed foods. It is believed that MSG affects the neurotransmitters in the brain, which then triggers the migraines that many have reported after consuming foods that contain MSG. The mechanism by which this flavour enhancer triggers migraines is yet to be fully understood.

Fermented Foods

Fermented foods such as aged cheese, pickled vegetables and the like are notorious for kick-starting migraines for some people. These foods contain excessive Tyramine, a compound formed after protein breaks down. Those who are particularly sensitive to amines are susceptible to severe headaches.

Alcohol

Alcoholic beverages are known for triggering headaches for many drinkers, especially heavy drinkers. Beverages like red wine, beer and spirits tend to be the main culprits as they cause dehydration, which then triggers severe headaches. These alcoholic beverages also contain a compound called congeners, a byproduct of fermentation which may cause headache development.

Caffeine

Caffeine affects blood flow in the brain. Those who consume caffeine regularly and excessively develop dependency, and sudden withdrawal may trigger migraines. Research has expounded that the intake of caffeine should be minimal to avoid any health issues. Surprisingly, caffeine intake may trigger or alleviate symptoms of migraines for some individuals.

To recapitulate, the saying,”food for thought” has to be taken quite literally. It is paramount that we be very mindful of what we consume so as to avoid unnecessary health evils like migraines. If one is not fully informed about the plethora of foods that trigger severe headaches, including the above-mentioned, it is highly advisable that one seek professional help from experts of Neuro Life Brain and Spine Centre, for proper diagnosis and treatment. Health is indeed wealth!

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माइग्रेन रोग क्या है? जानें, लक्षण, कारण और इलाज

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माइग्रेन क्या होता है ?

माइग्रेन एक तरह की न ठीक होने वाली बीमारी है ,जिसका सिर्फ इलाज किया जा सकता है इसको खत्म नहीं किया जा सकता ,माइग्रेन से इंसान को बोहत सी ऐसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है जिसको वह सहन नहीं कर पता है। माइग्रेन के होने से इंसान चिड़चिड़ा हो हटा है और सिर के एक तरफ होने वाला सर दर्द है ,जो दिमागी टेंशन या परिवार मैं जनेटिक हो ये तभी होता है ,ये सिर दर्द आम तोर पर एक धड़कने वाला और एक चुंबन पैदा करने वाला सिर दर्द होता है। ये अगर किसी आम इंसान को हो जाये तो ये उसकी दिनचर्या और उसको सोचने की शक्ति पर बुरा असर दाल सकता है ,जैसे की हम सब को पता चल गया है की ये न ठीक होने वाला दर्द है जो हमारी पुरे दिन की गतिविधियों में बाधा डाल सकता है ,ये एक भयानक सिर दर्द है जो की इसके हमले बढ़ीं के कई घंटों तक या कुछ दिनों तक रहता है.उलटी ,मन बेचैन होना ,चिड़चिड़ापन ,नेत्र मैं बदलाव ,सिर में चुबन जैसे लक्षण पैदा करता है। जो की माइग्रेन होने के लक्षण होते है। ये सिर के एक तरफ ही होता है और ये सिर दर्द आम दर्द से कई ज्यादा अलग होता है ये हल्का और तेज गति से होने वाला सिर दर्द है ,जिसको सहना बोहत ही मुश्किल होता है। आज के बदलते मौसम मई ये सिर दर्द आम होता जा रहा है ,माइग्रेन 5 महिलाओं में से 1 महिला को प्रभावित करता है ,और 15 मनुष्य में से 1 को प्रभावित करता है। माइग्रेन की समस्या औरतों में ज्यादा देखने को मिलती सकती है। कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनको माइग्रेन सिरदर्द होने से पहले छवि नामक चेतावनी भरे लक्षण दिखाई पड़ते है जैसे की छवि में दिखने में गड़बड़ी और अंधे धब्बे होना ,पैरों में झुनझुनी होना ,चक्क्र जैसा महसूस होना ,और चेहरे के एक तरफ़ दर्द होना और बोलने में मुश्किलें बभी आ सकती है। यह एक न्यूरोलॉजिकल समस्या होती 

है जिसको माइग्रेन कहा जाता है जो एक माइग्रेन से पीड़ित इंसान को बिस्तर पर पड़े रहने के लिए मजबूर कर सकती है। 

माइग्रेन के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं 

माइग्रेन को एक गंभीर बीमारी या गंभीर सिर दर्द मना जाता है ,जो आम सिरदर्द से बोहत ज्यादा दर्दनाक होता है।  माइग्रेन होने के चार पग होते हैं जिनमें इंसान को कहीं न कहीं गुजरना पड़ता है जेसे की प्रोड्रोम (प्राथमिक और प्राम्भिक लक्षण )आभा (छवि) ,सिरदर्द और पोस्टड्रोम (माइग्रेन हैंगओवर ) जैसे पड़ावों से होक जाना पड़ता है। जरूरी नहीं है की हर इंसान को पहले ये पग से होना पड़े तभी उसको माइग्रेन होता है ,ऐसा नहीं है सभी मेंग्रान के लक्षण पग की बुनियाद अलग अलग होती है। माइग्रेन से जूझता हर इंसान को जरूरी नहीं की इन पगों से गुजरना पड़े। 

प्रोड्रोम (प्राथमिक और प्रारंभिक लक्षण )

  •  आपके मूड मूड में बदलाव आ जाना 
  •  थकान महसूस होना
  •  मुश्किल से किसी चीज पर ध्यान दे पाना 
  •  अधिक नींद आना 
  •  जी का घबराना 
  •  बहुत ज्यादा पेशाब आना 
  •  भूख और प्यास बढ़ना 
  • कब्ज का होना 
  •  बार बार उबासी आना 

आभा (छवि) के लक्षण 

  • मांसपेशियों में कमजोरी आ जाना 
  •  नेत्रों में बदलाव आना 
  •  कान में अजीब सी आवाज बजना ( टिनिटस ) जैसी 
  •  अचानक से ऐसा महसूस होना कि आपको कोई छू रहा हो 
  • हाथ पैरों का सुन्न हो जाना या झुनझुनी होना 
  •  ध्यान देने में या कुछ बोलने में मुश्किल होना 

सिरदर्द लक्षण  

सिरदर्द सिर के दोनों हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। ये दर्द तेज और हल्का भी महसूस हो सकता है  

  • उल्टी का होना 
  •  प्रकाश,आवजें और गंद की तरफ़ ज्यादा अतिसंवेदनशील होना 
  •  बहुत ज्यादा ठंड लगना 
  •  पसीना आना 
  •  भूख में कमी होना 

पोस्ट-ड्रोम (माइग्रेन हैंगओवर ) के लक्षण 

  •  चक्क्र का आ जाना 
  •  थकान का होना 
  •  गर्दन में दर्द हो जाना 
  •  बहुत ज्यादा नींद का आना 
  •  प्रकाश,आवजें और गंद की तरफ़ ज्यादा अतिसंवेदनशील होना 
  • सिर की एक तरफ़ धुकधुकी जैसा दर्द होना 

माइग्रेन के क्या कारण होते हैं ?

माइग्रेन एक तेज रफ्तार से होने वाला असहनीय दर्द है इसका कारण स्पष्ट रूप निश्चित नहीं किया गया है, ये पुरुषों की बजाए महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है और ऐसा मन जाता है की माइग्रेन का कारन सिर की ताकत केमिकल और ब्लड रक्त वही-कार्यों में कुछ समय के लिए होने वाला छोटा सा परिवर्तन है ,जिसके कारण सिर में बहुत तेजी से और दर्दनाक दर्द होता है। 

ट्रिगर एक ऐसी चीज़ है जो माइग्रेन के लक्षणों को शुरू करने का कारण बनती है और माइग्रेन के कुछ सबसे आम ट्रिगर में शामिल हैं। 

  •  तनाव का बढ़ना 
  •  हार्मोन में परिवर्तन होना
  •  कुछ दवाइयां को लेना 
  •  नींद में परिवर्तन को देखना 
  •  मौसम के कारण अपने मूड में बदलाव 
  •  बहुत ज्यादा शरीर से काम लेना 
  •  शराब ,तंबाकू और कैफीन जैसे नशीले पदार्थों का सेवन 
  •  भूख न लगना 
  •  बोहत तेज रौशनी आवाज़ और गंध का  संपर्क होना 
  •  शरीर का हाइड्रेट न होना 

माइग्रेन की शुरुआत कुछ ऐसे पदार्थों का सेवन करने से भी हो सकती है, जैसे की 

  • चिकन लीवर,अंजीर और कुछ बीन्स का सेवन करना। 
  • ज्यादा चॉकलेट का खाना 
  • डेयरी खाद्य पदार्थ का सेवन करना खास तोर पर पनीर
  • मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) से रहित खाद्य पदार्थ को लेना 
  • टायरामाइन रहत खाद्य पदार्थ, जैसे की  रेड वाइन, पुराना पनीर, स्मोक्ड मछली, 
  • खट्टे फल और केले जैसे फलों का  करना 
  • मूंगफली और दूसरे मेवे और बीज का सेवन करना  

आखिर माइग्रेन कितना आम होता है ?

माइग्रेन का होना बहुत ही आम है एक चिंता में डूबा व्यक्ति भी इसका शिकार हो सकता है ,

अध्ययनों से पता चलता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में अंदाज से पता लगाया है कि 12% लोग माइग्रेन का अनुभव करते हैं।

माइग्रेन कितने प्रकार के होता हैं ?

माइग्रेन के बहुत से प्रकार पाए जाते हैं पर ये माइग्रेन सबसे आम श्रेणियों में शामिल हैं 

  • आभा संग माइग्रेन जिसको क्लासिक माइग्रेन कहा जाता है। 
  • आभा युक्त माइग्रेन जिसको समान्या माइग्रेन कहा जाता है। 

आभा (ऑरा) यह सिर में दर्द शुरू होने से पहले माइग्रेन का एक चरण है।

माइग्रेन के प्रकार कुछ इस ट्रिक से हैं। 

  •  बच्चों में माइग्रेन ( पेट का माइग्रेन )। बच्चो को होने वाला माइग्रेन जिसको ( पेट का माइग्रेन) कहते हैं। 
  •  क्रोनिक माइग्रेन: क्रोनिक माइग्रेन में हर महीने के 15 दिन या उससे भी ज्यादा समय तक ये दर्द शामिल होता है। 
  • हेमिप्लेजिक माइग्रेन :ये माइग्रेन दर्द पीरियड्स के दौरान होता है। 
  • मासिक धर्म माइग्रेन : इस तरिके के माइग्रेन में शरीर के एक पासे में अस्थाई रूप से कमज़ोरी शुरू हो जाती है 
  • बिना सिर दर्द के होने वाला माइग्रेन जिसको (साइलेंट माइग्रेन)कहते हैं इस माइग्रेन में सिर में दर्द नहीं होता है ये साइलेंटली आपके दिमाग में बढ़ता रहता जो आगे जाकर आपको परेशानी भी खड़ी कर सकता है 
  • वेल्टिबुलर माइग्रेन: इस तरिके के माइग्रेन में अलग प्रकार के गंभीर चक्कर आना शुरू हो जाते हैं या   इसके लक्षण समय से दिखने लगते हैं 

माइग्रेन को कैसे ठीक किया जा सकता है 

माइग्रेन को कैसे ठीक किया जाता है क्या आप इसके बारे में जानते है ? माइग्रेन का उपचार पुरे तरीके से मिल नहीं पाया है ये जानकर आपको हैरानी होगी पर हाँ यही सच है की इस बीमारी का इलाज अभी तक संभव नहीं हो पाया है ,पर आप कुछ विशेष डॉक्टरों की सलाह और कुछ दवाइयों का उपयोग करके अपने माइग्रेन के दर्द को कण्ट्रोल और इस माइग्रेन को कम कर सकते है। पर डॉक्टर्स आपकी इन बातों के अनुसार ही आपका इलाज शुरू कर पाते हैं, ये कोनसी बातें आइये जानते हैं 

  • माइग्रेन का दर्द कितने समय से है और वह कितना गंभीर है 
  • मरीज की उम्र कितनी है 
  • माइग्रेन का दर्द आपके कब और कितने दिनों में आपके होता है 
  •  यह माइग्रेन दर्द का कौन सा प्रकार है 
  •  सिर में दर्द के अलावा आपके और कोई लक्षण तो नहीं है 
  •  सिर के अलावा कोई और लक्षण 

माइग्रेन में क्या खाना चाहिए? 

माइग्रेन में कुछ चीजें होती हैं जो हमको खानी चाहिए और जो की हमारे माइग्रेन को ठीक करने में हमारी मदद करता हे। 

  •  हमको ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए ताकि हमारा दिमाग और हमारी बॉडी हाइड्रेट रहे और हमारा माइग्रेन ठीक रहे 
  •  जो लोग माइग्रेन से पीड़ित होते हैं उनको नट्स खाने चाहिए नट्स पोषक तत्वों से भरपूर रहते हैं ये आपके शरीर को ही नहीं आपके माइग्रेन को ठीक करने में भी आपकी मदद करते हैं। 
  •  पालक जैसी हरी सब्जियां हमारे शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होती है तो इसका सेवन हमारे माइग्रेन को ठीक रखने में  भी हमारी मदद करता है 
  •  अदरक जैसी गुणों से भरपूर चीजें आपके माइग्रेन को ठीक करती हैं वह आपके दर्द को भी कम करती हैं ,अदरक अपनी औषधीय गुण के लिए जाना जाता है। 

माइग्रेन का इलाज कैसे किया जाता है?

दवाएं 

माइग्रेन एक सिर दर्द एक दर्दनाक बीमारी जिसका अभी तक कोई पुख्ता इलाज नहीं मिल पाया है ,और इसका कारण भी स्पष्ट रूप निश्चित नहीं किया गया है। तो हम कुछ दवाइयों का प्रयोग करके या अपनी दिनचर्या में सुधार करके अपने माइग्रेन का इलाज कर सकते हैं। 

 माइग्रेन और सिर दर्द से राहत पाने के लिए एस्पिरिन,एसिटामिनोफेन इबुप्रोफेन जैसी दवाओं का सेवन करके आप माइग्रेन की बीमारी को रोक सकते है और आप अपने दर्द को इन दवाइयों से छुटकारा दे सकते हैं ,और एक और अध्ययन से मेलाटोनिन भी माइग्रेन के दर्द से राहत दिलाती है। ये दवाये माइग्रेन के दर्द और प्रभावों को को भी शांत करती है और ये दवाइयां लेने से पहले अपने निजी डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें ताकि आपको और भी आसानी हो अपने माइग्रेन को ठीक करने में ,क्योंकि कई डॉक्टर्स मेडिकल हिस्ट्री  के आधार पर आपको कुछ दवाइयां लेने पर आपको इंकार करते हैं। 

जीवनशैली में बदलाव 

अगर आप अपने जीवन में सुधार करते हैं,और खुश रहते है तो ये आपके माइग्रेन से छुटकारा दिलाने में आपकी मदद करता है, अच्छा भोजन खाना ,समय  से अपनी नींद को पूरा करना ,नियमित रूप से व्यायाम करें ,जंक फ़ूड खाने से  बचें ,फालतू का सोचने से बचें ,अगर आप अपने जीवन ये सब चीजों को सुधर लेते हैं तो आप माइग्रेन जैसी जो न ठीक होने वाली बीमारी से ,उससे अपना बचाव कर सकते है। 

निष्कर्ष

माइग्रेन एक ऐसी बीमारी है जो कभी ठीक नहीं हो सकती बस उसपर नियंत्रण पाया जा सकता है ,रोजाना कसरत कर्क ,अपने आप को खुश राखब कर और अच्छा खाना खा कर ,जनक फूड्स का इस्तेमाल न करके और कुछ दवाइयों का प्रयोग करके हम अपने माइग्रेन पर नियंत्रण पा सकते हैं ,और माइग्रेन एक दर्दनाक सिर दर्द है जो न इलाज करने पर एक बड़ी बीमारी का रूप धारण कर कसता है इस पर नियंत्रण करने के लिए और माइग्रेन सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप अपने विशेषज्ञों से भी सलाह ले सकते हैं ,अगर आप सोचने पर मजबूर हैं और आपका सिर दर्द आपको परेशानी क्र रहा है तो आप न्यूरो लाइफ एंड स्पाइन हॉस्पिटल में जाकर आप विशेषज्ञों से सलाह कर सकते हैं और पा  सकते हैं एक भेतरीन इलाज। 

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Explore 5 Common Home Remedies for Migraines

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Migraines are thoroughly tricky to handle, especially when you do not have access to your regular medication. It can thoroughly debilitate your life, as severe bouts of migraine can thoroughly incapacitate you. At times, even medication does not work at all. One needs to make sure that you are able to thoroughly enhance the possibility of figuring out solutions to your issues. With the help of experts at Neuro Life Brain and Spine Centre, you can make sure that you are able to thoroughly enhance the possibility of seeking alternative remedies for migraines.

Following are some of the effective ways to make sure that you are able to combat migraines with the help of home remedies: 

Hydration 

One of the key things you have to make sure is that you are able to stay hydrated. One needs to ensure that at least 8-9 glasses of water are being drunk each day. You can thoroughly ensure that there are next to no intense bouts of migraine you face when one is staying hydrated. You can thoroughly ensure the possibility of making sure that you do not face any issues in terms of hydration. 

Stress Reduction 

Another thing that could be useful is ensuring that one is not putting themselves in any stressful situation over and over again. With stress comes stress-induced headaches. If you adopt several methods of making certain that you are able to manage your stress in an effective manner, you can make certain that you are able to avoid headaches. Some stress reducing tactics include mindful breathing and yoga. 

Essential Oils 

These are necessary to ensure that you can effectively manage your headaches. With a few drops, you can make sure that you are able to rub it in and see the magic happen. You can thoroughly ensure the possibility of making sure that essential oils help in managing their migraines. 

Head Massages 

This is perhaps one of the easiest ways to make sure that you are able to thoroughly manage your headaches. Regular head massages can ensure that you are able to thoroughly enhance the blood flow in your blood vessels. This can thoroughly make sure that you are able to strengthen the possibility of avoiding any intense headaches. 

Lifestyle Enhancement 

Migraine headaches can also be thoroughly avoided. One needs to make sure that you are able to thoroughly enhance the possibility of reducing your caffeine intake as well as making sure that you sleep on time. There are several lifestyle factors that can impact a person’s headaches.

With the help of practical solutions, you can make sure that you are able to deal with something as debilitating as migraines. You can also thoroughly ensure that you can deal with migraines through alternative means with the help of Neuro Life Brain and Spine Centre. Our experts have collated ways in which you can combat the symptoms or the intensity of them with the help of common home remedies. If you or someone you know has been struggling with migraines and nothing works for you, you can thoroughly adopt any of the aforementioned techniques for the same. 

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पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को होता है माइग्रेन की समस्या, आइये जानते है डॉक्टर से क्या है इसके कारण

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हल्का सिरदर्द तो आजकल लगभग हर व्यक्ति को होता है,वही कुछ लोग को गंभीर सिरदर्द या फिर माइग्रेन जैसी समस्या से गुजरना पड़ता है | लेकिन क्या आपको यह बात पता है की पुरूषों की तुलना में महिलाओं को  माइग्रेन होने खतरा ज़्यादा होता है | 

न्यूरो लाइफ ब्रेन & स्पाइन सेंटर के सीनियर कंसलटेंट डॉ अमित मित्तल जो की ब्रेन और स्पाइन सर्जन में एक्सपर्ट है, उनका कहना है की महिलाओं में हार्मोनल के उतर-चढ़ाव पुरुषों को तुलना में अधिक होता है, जिससे उनमे माइग्रेन जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती  है | माइग्रेन एक ऐसा सिरदर्द है जो आमतौर पर  सिर के एक तरफ से शुरू होता है | इसके मुख्य लक्षण है मल्टी या उलटी होना, प्रकाश और शोर जैसे पर्यावरण से सवेदनशील होना आदि  | आमतौर पर यह सिरदर्द 4 घंटे से अधिक समय तक नहीं रहता, परंतु कुछ लोगों में यह सिरदर्द 2 -3 दिन तक रहता है | 

डॉ अमित मित्तल ने बताया की पीरियड्स के दौरान भी माइग्रेन स्थिति को बिगाड़ देती है | पीरियड्स के दौरान  महिलाओं के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन काफी अधिक मात्रा में होता है | इस साइकिल की वजह से एस्ट्रोजन नाम के हार्मोन्स माइग्रेन को ट्रिगर करते है , जो की सिरदर्द का कारण  बनता है | कई महिलाएं हार्मोन को कण्ट्रोल करने की दवा का सेवन करते है, लेकिन इन दवाओं के सेवन से माइग्रेन होने का रिस्क अधिक हो जाता है | 

एक आंकड़े के अनुसार दुनियाभर में 18-40 वर्ष की महिलाओं में माइग्रेन की समस्या अधिक पायी गयी है, जिसका सही समय पर इलाज करवाना बेहद आवश्यक है | अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे है तो आप न्यूरो लाइफ ब्रेन & स्पाइन सेंटर का चयन कर सकते है | जिससे आपको इस समस्या से जल्द से जल्द छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है |

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क्या आपको माइग्रेन और साइनस सिरदर्द में फर्क लगता है ?

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किसी भी किस्म का सिरदर्द होना, एक मतलब ही रखता है- दर्द जो आपके मस्तिष्क, रक्त वाहिकाओं और आसपास की तंत्रिकाओं के बीच परस्पर क्रिया करने वाले संकेतों के परिणामस्वरूप होता है। सिरदर्द को भी प्रकारों में बांटा गया है जैसे- माइग्रेन, हिप्निक, साइनस, क्लस्टर आदि। वैसे तो यह सब एक समान ही होते है लेकिन इनके लक्षण अलग- अलग हो सकते है। मुख्य रूप से यह जानते है के माइग्रेन और साइनस सिरदर्द में क्या अंतर है।

 

माइग्रेन एक गंभीर सिरदर्द है जो आपके सिर के एक तरफ धडकते हुए, सिर दर्द का कारण बनता है। माइग्रेन में सिरदर्द चरण आमतौर पर कम से कम चार घंटे तक रहता है,लेकिन यह कई दिनों तक भी रह सकता है। यह सिरदर्द इससे भी बढ़ जाता है जब:

  • शारीरिक गतिविधि हो 
  • चमकदार रोशनी से 
  • जोर शोर से 
  • तेज गंध से       

माइग्रेन विघटनकारी है और आपके दैनिक दिनचर्या में हस्तक्षेप कर सकते है और सामाजिक दायित्वों को पूरा करने की आपकी क्षमता को प्रभावित कर सकते है। माइग्रेन के चार चरण होते है

  1. प्रोड्रोम: पहला चरण सिरदर्द का अनुभव होने से 24 घंटे पहले शुरू होता है। 
  2. आभा: आभा संवेदी, मोटर या वाणी लक्षणों का एक समूह है जो माइग्रेन सिरदर्द के चेतावनी संकेत के रूप में कार्य करता है। आभा चरण ६० मिंट या कम से कम पांच मिनट तक चल सकता है। आप एक समय पर ही आभा और सिरदर्द का अनुभव कर सकते है।
  3. सिरदर्द: माइग्रेन का सिरदर्द चार घंटे से ७२ घंटे तक रहता है। 
  4. पोस्टड्रोम: पोस्टड्रोम चरण आमतौर पर कुछ घंटों से लेकर ४८ घंटों तक रहता है। लक्षण शराब से प्रेरित हैंगओवर के समान महसूस होता है, यही कारण है कि पोस्टड्रोम चरण के माइग्रेन हैंगओवर से भी जाना जाता है। 

साइनस सिरदर्द साइनस संक्रमण(साइनसाइटिस) का एक लक्षण है। यह सिरदर्द आपके चेहरे को भी दर्द की स्थिति में ले सकता है। इसके लक्षण जैसे आँखों के पीछे या गालों की हड्डियों, माथे और नाक के ऊपरी हिस्से में लगातार, हल्का दर्द महसूस होना। जब आप अचानक अपना सर हिलाते या झुकाते है तो दर्द और भी ज्यादा बढ़ जाता है। साइनसइस

को जुड़े खोकले स्थानों की श्रृंखला कहा जाता है जिसमे आपके गाल की हड़िया, माथे और नाक आपस में जुड़े होते है। नाक से लेने वाली हवा इन सब साइनस से गुजरता हुए आपके फेफ़ड़ों तक जाती है। आपके साइनस ऊतक से पंक्तिबद्ध है। वे बलगम भी बनाते है जो आपकी नाक को नम रखता है और बैक्टीरिया, वायरस, कवक और धूल ले जाने वाले एलर्जी जैसे घुसपैठियों को फँसाता है। 

साइनस सिरदर्द का उत्पन्न साइनस संक्रमण से होता है। कुछ जोखिम जिनसे इसके बढ़ने का डर होता है:

  • आमतौर पर जुकाम रहना 
  • मौसमी संक्रमण 
  • धूम्रपान 
  • संरचनात्मक मुद्दे जैसे नाक जंतु और पथभ्रष्ट झिल्ली, बलगम को साइनस के अंदर फस्या रखता है।  
  • कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र, संक्रमण के जोखिम को बढ़ाता है। 

 

 वैसे तो साइनस और माइग्रेन के लक्षण अक्सर एक जैसे ही होते है लेकिन कुछ अलग भी है:

* अगर आपको माइग्रेन है तो सिर के कुछ हिस्सों में तेज दर्द होगा, जी मिचलेगा, उल्टी और ध्वनि या प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता होगी। वे यही साइनस होगा तो, कानों और दांतों में पूरा एहसास, पीला बलगम, चेहरे पर सूजन, बुखार, माथे और गाल की हड्डी या नाक के पुल में दर्द और दबाव, कंजेशन या बहती नाक। 

* माइग्रेन का दर्द ज्यादा क्षेत्र में बढ़ सकता है और साइनस सिरदर्द आमतौर से चेहरे पर ज्यादा अनुभव करते है।  

* माइग्रेन ज्यादा या कम सोने से, तनाव, मौसम या वातावरण में बदलाव से, मोशन सिकनेस, अत्यधिक परिश्रम से होने के कारण है और साइनस पुराना जुकाम, मौसमी संक्रमण आदि।     

यदि आप किसी भी प्रकार के सिरदर्द से बहुत समय से झुज रहे है तो अपने नज़दीकी डॉक्टर से जरूर सम्पर्क करे और इनके बढ़ने से पहले आराम पाए। लुधियाना के न्यूरो लाइफ ब्रेन एंड स्पाइन सेंटर भी आपके किसी भी सवाल के जवाब देने को तैयार है। 

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माइग्रेन की समस्या क्या है और इससे संबंधित किस तरह के प्रश्न पूछे जाते है ?

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माइग्रेन, एक जटिल न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है, जो उन लोगों के जीवन पर छाया डालती है, जो इसके अप्रत्याशित और कष्टदायी लक्षणों से जूझते है। यह सिर्फ सिरदर्द नहीं है, यह कष्टदायक संवेदनाओं और लक्षणों की एक जटिल पहेली है जो अक्सर व्यक्तियों को दर्द के चक्र में फंसा हुआ महसूस कराती है, तो आइये जानते है माइग्रेन संबंधित समस्त बातें ;

माइग्रेन की समस्या क्या है ?

इसके मूल में, माइग्रेन की विशेषता तीव्र, स्पंदनशील सिरदर्द है, जो आमतौर पर सिर के एक तरफ को प्रभावित करता है, साथ में मतली, प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता और, कभी-कभी, दृश्य गड़बड़ी भी होती है। हालाँकि, माइग्रेन का अनुभव प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकता है, जिससे इसे समझना और इलाज करना एक कठिन चुनौती बन जाता है।

माइग्रेन की समस्या गंभीर होने पर आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोसर्जन का चयन करने में संदेह नहीं करना चाहिए।

लक्षण क्या है माइग्रेन के ?

माइग्रेन के लक्षण को चार चरणों में विभाजित किया गया है, जैसे ; 

प्रोड्रोम : 

यह माइग्रेन से एक या दो दिन पहले शुरू होता है। माइग्रेन के आगमन का संकेत देने वाले परिवर्तनों में गर्दन में अकड़न, कब्ज, मूड में बदलाव, प्यास और पेशाब में वृद्धि और बार-बार उबासी आना शामिल है। अगर आप गर्दन में अकड़न, कब्ज, और मूड में बदलाव जैसी समस्या का सामना कर रहें है तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट का चयन करना चाहिए। 

आभा : 

ये संवेदी और दृश्य लक्षणों में से एक है जैसे प्रकाश की चमक, लहरदार, टेढ़ी-मेढ़ी दृष्टि। मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं और आपको स्पर्श (संवेदी गड़बड़ी) का अनुभव हो सकता है। कभी-कभी मोटर या वाणी संबंधी गड़बड़ी भी मौजूद होती है। लक्षणों में चेहरे पर कमजोरी या सुन्नता, बोलने में कठिनाई, शोर या संगीत सुनना या अनियंत्रित गति शामिल है।

हमला : 

दर्द सिर के एक या दोनों तरफ महसूस होता है। दर्द धड़क रहा है और धड़क रहा है और धुंधली दृष्टि, मतली, उल्टी, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता, गंध, स्पर्श, चक्कर आना और बेहोशी से जुड़ा है। यदि उपचार न किया जाए तो माइग्रेन लगभग 4 से 72 घंटों तक रहता है।

पोस्ट-ड्रोम : 

अंतिम चरण जिसमें आप थका हुआ या थका हुआ महसूस कर सकते है। जो लक्षण प्रबल होते है, उनमें भ्रम, कमजोरी, मनोदशा, चक्कर आना और प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता शामिल है।

माइग्रेन से जुड़े प्रश्न !

ट्रिगर : 

कौन से कारक माइग्रेन प्रकरण को ट्रिगर करते है? क्या ऐसे विशिष्ट खाद्य पदार्थ, तनाव कारक, पर्यावरणीय कारक या हार्मोनल परिवर्तन है जो इसकी शुरुआत में योगदान करते है। 

न्यूरोलॉजिकल आधार : 

माइग्रेन के दौरान मस्तिष्क में क्या होता है? मस्तिष्क रसायन शास्त्र या न्यूरोनल गतिविधि में परिवर्तन लक्षणों की शुरुआत से कैसे संबंधित है।

दैनिक जीवन पर प्रभाव : 

माइग्रेन दैनिक जीवन और कार्यक्षमता को कैसे प्रभावित करता है? यह काम, सामाजिक संपर्क और समग्र कल्याण में क्या चुनौतियाँ पेश करता है। 

उपचार के विकल्प : 

माइग्रेन के लिए वर्तमान उपचार विकल्प क्या उपलब्ध है ? वे कितने प्रभावी है और संभावित दुष्प्रभाव क्या है। 

निवारक उपाय : 

क्या माइग्रेन के हमलों की आवृत्ति और तीव्रता को रोकने या कम करने के कोई तरीके है? माइग्रेन के प्रबंधन में आहार, व्यायाम और तनाव प्रबंधन जैसे जीवनशैली में बदलाव कितने प्रभावी है। 

आनुवंशिकी की भूमिका : 

क्या माइग्रेन का कोई आनुवंशिक घटक है ? क्या कुछ व्यक्तियों को उनकी आनुवंशिक संरचना के कारण माइग्रेन का अनुभव होने की अधिक संभावना है। 

लिंग असमानताएँ : 

माइग्रेन पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक क्यों प्रभावित करता है? माइग्रेन के हमलों को शुरू करने में हार्मोनल उतार-चढ़ाव क्या भूमिका निभाता है। 

वैकल्पिक उपचार : 

कौन से वैकल्पिक उपचार या पूरक दृष्टिकोण, जैसे एक्यूपंक्चर, योग, या हर्बल उपचार, माइग्रेन के लक्षणों को कम करने में वादा दिखाते है। 

अनुसंधान और भविष्य की संभावनाएँ : 

माइग्रेन को बेहतर ढंग से समझने और उसके इलाज के लिए कौन-सा शोध चल रहा है? इस स्थिति के प्रबंधन में भविष्य के उपचार और प्रगति की क्या संभावनाएं है। 

ध्यान रखें !

माइग्रेन की समस्या काफी गंभीर मानी जाती है, क्युकी इसमें व्यक्ति को मानसिक के साथ कई सारी शारीरिक समस्या का सामना भी करना पड़ता है। वहीं माइग्रेन की समस्या से अगर आप बचाव चाहते है, तो इसके लिए आपको न्यूरो लाइफ ब्रेन एन्ड स्पाइन सेंटर का चयन करना चाहिए।

निष्कर्ष :

माइग्रेन की रहस्यमय प्रकृति बहुत सारे सवाल पैदा करती है, जो शोधकर्ताओं और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को परेशान करती रहती है। जैसे-जैसे हम मस्तिष्क के जटिल तंत्र और माइग्रेन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों की जटिल परस्पर क्रिया में गहराई से उतरते है, प्रभावित लोगों के लिए बेहतर उपचार और जीवन की बेहतर गुणवत्ता की आशा होती है।

माइग्रेन के रहस्यों को जानने की कोशिश में, इसके लक्षणों, ट्रिगर्स, न्यूरोलॉजिकल आधारों और दैनिक जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को समझना जरूरी हो जाता है। यह केवल एक सिरदर्द नहीं है, बल्कि एक ऐसी स्थिति है जो इससे होने वाली पीड़ा को कम करने के लिए ध्यान, सहानुभूति और व्यापक शोध की मांग करती है।

अंतरिम में, व्यक्तियों के जीवन पर माइग्रेन के प्रभाव को प्रबंधित करने और कम करने के प्रयास जारी है, जिससे ऐसे भविष्य का मार्ग प्रशस्त हो रहा है जहां प्रभावित लोग इस दुर्बल स्थिति से राहत और राहत पा सकते है।