रीढ़ की हड्डी का क्षय रोग क्या होता है, इसके मुख्य लक्षण कौन-से है?

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रीढ़ की हड्डी का क्षय रोग क्या होता है, इसके मुख्य लक्षण कौन-से है?

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पॉट्स रोग को रीढ़ का हड्डी का क्षय रोग भी कहा जाता है, जिसकी वजह से रीढ़ की हड्डी काफी प्रभावित हो जाती है | यह संक्रमण फेफड़ो से रक्तप्रवाह द्वारा आपके रीढ़ की हड्डी तक फैलता है | इसकी वजह से आपकी कशेरुकाओं में नकारात्मक प्रभाव डालने के साथ-साथ एक टेडी रीढ़ की हड्ड़ी बनने का कारण भी बन जाती है | लेकिन घबराएं नहीं इसका उपचार दवाओं और सर्जरी द्वारा किया जा सकता है | 

न्यूरो लाइफ ब्रेन & स्पाइन सेंटर के सीनियर कंसल्टेंट डॉ अमित मित्तल ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो में  यह बताया की रीढ़ की हड्डी का क्षय रोग एक किस्म का जीवाणु संक्रमण होता है, जो रीढ़ की हड्डियां पर काफी नकारात्मक प्रभाव डालते है | यह एक तरह का ट्यूबरक्लोसिस (टी.बी.) है जो विशेष रूप से एक्सट्रापल्मोनरी टीबी होता है | यह पॉट्स रोग आपके शरीर के फेफड़ो से शुरू होकर रीढ़ की हड्डी तक पहुंच जाती है | 

जिसकी वजह से आपको पीठ में काफी लम्बे समय तक दर्द या फिर हाथ-पैरों की मांसपेशियों में कमज़ोरी होने का अनुभव हो सकता है | जिसकी वजह से आपके रीढ़ की हड्डी टेडी भी हो सकती है और साथ ही कशेरुक क्षतिग्रस्त होने का खतरा भी जाता है | कई मामले ऐसे भी होते है जिसमे पॉट्स रोग घातक भी साबित हो सकते है | पॉट्स रोग की समस्या टीबी होने का सबसे आम माना जाता है | एक शोध के अनुसार पूरे विश्व में कम से कम 40 प्रतिशत लोग इस समस्या से जूझ रहे है |  

पॉट्स रोग होने के मुख्य लक्षण क्या है?   

  • पीठ में तीव्र दर्द होना और अकड़न की समस्या 
  • हाथ-पैरों में कमज़ोरी और सुन्न होने का अनुभव करना 
  • गर्दन में दर्द होना 
  • भूख न लगना
  • वजन का घटते रहना 
  • बुखार आना  

पॉट्स रोग से कौन से हड्डियां प्रभावित हो जाती है ? 

पॉट्स रोग आपके रीढ़ की हड्डी का कोई भी हिस्सा या फिर कशुरूका को प्रभावित कर सकती है | आइये जानते है इसके सबसे ज्यादा लक्षण निमरनलिखित क्षेत्र में पाए जाते है :- 

  • ग्रीवा रीढ़ की हड्डी 
  • मध्य भाग या वक्षीय की रीढ़ की हड्डी में 
  • रीढ़ की हड्डी का निचला भाग या फिर लम्बर स्पाइन 

पॉट्स रोग होने के मुख्य कारण क्या है ? 

रीढ़ की हड्डी में माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु होता है, जो पॉट्स रोग होने का कारण बनती है | टीबी से संक्रमित व्यक्ति टीबी पैदा करने वाली बैक्टीरिया को बूंदों में अपने सांसो के ज़रिये अंदर लेने से भी पॉट्स रोग हो सकता है, क्योंकि यह संक्रमण आपके फेफड़ों से शुरू होता है और रक्तप्रवाह द्वारा आपके रीढ़ की हड्डियों तक पहुंचता है | 

यदि सही समय पर इस समस्या का उपचार न किया गया तो यह पॉट्स रोग आपके रीढ़ की हड्डी का काफी क्षतिग्रस्त कर सकते है | इसलिए लक्षणों का अनुभव होते ही डॉक्टर के पास जाये और इलाज करवाए | इससे जुडी जानकारी के लिए आप न्यूरो लाइफ ब्रेन & स्पाइन सेंटर से परामर्श कर सकते है | यहाँ से सीनियर कंसलटेंट डॉ अमित मित्तल ब्रेन और स्पाइन सर्जन में एक्सपर्ट है इस समस्या से छुटकारा दिलाने में आपकी मदद कर सकते है |