क्या आपके भी घर में किसी को पड़ते है मिर्गी के दौरे ? आजमाएं ये 6 उपाय, जिससे मरीज़ को मिले तुरंत राहत

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क्या आपके भी घर में किसी को पड़ते है मिर्गी के दौरे ? आजमाएं ये 6 उपाय, जिससे मरीज़ को मिले तुरंत राहत

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आज के दौर में ऐसे कोई बीमारी या फिर रोग नहीं है, जो बच्चे से बुजर्ग तक के लोगों को प्रभावित न कर रहा हो | ऐसा इस लिए होता है क्योंकि बाल अवस्था और बुजुर्ग लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली काफी कमज़ोर होते है, जिसकी वजह से उनमें कई बीमारी के गंभीर होना का खतरा बना रहता है | उन्ही में से एक बीमारी है मिर्गी के दौरे पड़ना | मिर्गी एक ऐसा रोग है, जो बच्चों और बुजुर्ग लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है | 

 

आपको बता दें, मिर्गी की बीमारी पीड़ित व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है | अमतौर पर इससे पीड़ित व्यक्ति को दौरे पड़ते है जो कभी हलके और कभी गंभीर भी हो सकते है | भारत जैसे देश में भी न जाने कितने ऐसे लोग मौजूद है, जो मिर्गी की बीमारी से जूझ रहे है और जानकारी कम होने की वजह से अपना सटीकता से इलाज भी नहीं कर पाते है | लेकिन घबराएं नहीं, कुछ ऐसे उपाय है, जिसकी मदद से आप मिर्गी के दौरे से पड़ने वाले प्रभावों को कम करने के कोशिश कर सकता है | आइये जानते है ऐसे ही 6 उपाय के बारे में :- 

  1. मिर्गी की गंभीरता को समझें और उपचार करें 

 

मिर्गी की बीमारी तंत्रिका तंत्र से जुड़ी एक गंभीर समस्या है, जो आवृत्तियों में बाधा आने पर उत्पन्न होते है | यदि मिर्गी की बीमारी का सही समय पर इलाज न करवाया गया है, तो यह मानसिक से जुड़ी स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है | लेकिन  मिर्गी के बीमारी से जुडी कुछ थेरेपी और उपचार की प्रक्रिया उपलब्ध है, जिसकी मदद से आप मिर्गी से पड़ने वाले प्रभाव को कम कर  सकते है | हालाँकि इस इलाज की प्रक्रिया पूरी तरह से मिर्गी की स्थिति पर निर्भर करती है | 

 

  1. बायोफीडबैक 

 

यह एक ऐसा प्रशिक्षण होता है, जिसके ज़रिये मिर्गी के दौरे पड़ने के लक्षणों का पता लगया जाता है | यह प्रशिक्षण आम तौर पर उन लोगों पर किया जाता है, जिन पर एंटमिरडिप्टिक ड्रग्स काम करना बंद कर देता है | इसलिए इस प्रशिक्षण की मदद से आप मिर्गी के पड़ने वाले दौरे के लक्षणों का आसानी से पता कर सकते है | 

 

  1. तनाव देता है मिर्गी को बढ़ावा

 

डिप्रेशन और तनाव जैसी मानसिक समस्या मिर्गी को बढ़ावा देने का कार्य करते है | ऐसे में मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति को इस बात की कोशिश करनी चाहिए की वह कम से कम तनाव लें | इसके अलावा खुद को रिलैक्स रखें, आराम करें और ऐसे काम करें, जिससे उसे ख़ुशी मिलती हो, क्योंकि ऐसा करने से आप मिर्गी के पड़ने वाले दौरे के अवसर को कम करने की कोशिश कर सकते है | 

 

  1. विटामिन बी 6 का सेवन करें  

 

यदि आपके शरीर में विटामिन बी 6 की कमी हो गयी है तो उससे भी मिर्गी के दौरे पड़ सकते है | इसलिए विटामिन बी 6 से भरपूर आहार को अपने डेली डाइट में शामिल करें | ऐसा करने से आप मिर्गी के दौरे पड़ने के अवसर को कम कर सकते है | 

 

  1. प्राकृतिक हर्बल का करें उपयोग

 

मिर्गी के दौरे को कम करने के लिए प्राकृतिक हर्बल का उपयोग कर सकते है, यह मिर्गी की बीमारी से राहत पाने का सबसे अलग तरीका है | इस उपचार में कैमोमाइल, पैशन फ्लावर और वैलेरियन हर्ब्स का उपयोग किया जाता है | जो मिर्गी जैसे बीमारी के प्रभावों को कम करने में सक्षम होता है | हालांकि इस उपचार से कई लोगों पर दुष्प्रभाव पड़ने के भी मामले सामने आये है | इसलिए विशेषज्ञ की सलाह के बिना किसी भी तरह के हर्ब्स और उपचार का प्रयोग न करें | 

 

  1. डॉक्टर के पास जाएं

 

यदि आपको बार-बार मिर्गी के दौरे पड़ रहे है, तो बेहतर यही है की आप किसी विशेषज्ञ के पास जाएं और अपना इलाज करवाएं | मिर्गी एक गंभीर समस्या है, जिसकी स्थिति गंभीर होने पर पीड़ित व्यक्ति की जान भी जा सकती है | इसलिए समय रहते मिर्गी की बीमारी का इलाज करवाने में समझदारी है | 

यदि आप में कोई भी व्यक्ति या फिर आपका कोई भी परिजन मिर्गी की समस्या से पीड़ित है और सटीकता से इलाज करवाना चाहते है तो इसमें न्यूरो लाइफ ब्रेन एंड स्पाइन सेंटर आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर अमित मित्तल न्यूरोसर्जन में स्पेशलिस्ट है, जो पिछले 15 वर्षों से पीड़त मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही न्यूरो लाइफ ब्रेन एंड स्पाइन सेंटर नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |