किसी भी किस्म का सिरदर्द होना, एक मतलब ही रखता है- दर्द जो आपके मस्तिष्क, रक्त वाहिकाओं और आसपास की तंत्रिकाओं के बीच परस्पर क्रिया करने वाले संकेतों के परिणामस्वरूप होता है। सिरदर्द को भी प्रकारों में बांटा गया है जैसे- माइग्रेन, हिप्निक, साइनस, क्लस्टर आदि। वैसे तो यह सब एक समान ही होते है लेकिन इनके लक्षण अलग- अलग हो सकते है। मुख्य रूप से यह जानते है के माइग्रेन और साइनस सिरदर्द में क्या अंतर है।
माइग्रेन एक गंभीर सिरदर्द है जो आपके सिर के एक तरफ धडकते हुए, सिर दर्द का कारण बनता है। माइग्रेन में सिरदर्द चरण आमतौर पर कम से कम चार घंटे तक रहता है,लेकिन यह कई दिनों तक भी रह सकता है। यह सिरदर्द इससे भी बढ़ जाता है जब:
- शारीरिक गतिविधि हो
- चमकदार रोशनी से
- जोर शोर से
- तेज गंध से
माइग्रेन विघटनकारी है और आपके दैनिक दिनचर्या में हस्तक्षेप कर सकते है और सामाजिक दायित्वों को पूरा करने की आपकी क्षमता को प्रभावित कर सकते है। माइग्रेन के चार चरण होते है:
- प्रोड्रोम: पहला चरण सिरदर्द का अनुभव होने से 24 घंटे पहले शुरू होता है।
- आभा: आभा संवेदी, मोटर या वाणी लक्षणों का एक समूह है जो माइग्रेन सिरदर्द के चेतावनी संकेत के रूप में कार्य करता है। आभा चरण ६० मिंट या कम से कम पांच मिनट तक चल सकता है। आप एक समय पर ही आभा और सिरदर्द का अनुभव कर सकते है।
- सिरदर्द: माइग्रेन का सिरदर्द चार घंटे से ७२ घंटे तक रहता है।
- पोस्टड्रोम: पोस्टड्रोम चरण आमतौर पर कुछ घंटों से लेकर ४८ घंटों तक रहता है। लक्षण शराब से प्रेरित हैंगओवर के समान महसूस होता है, यही कारण है कि पोस्टड्रोम चरण के माइग्रेन हैंगओवर से भी जाना जाता है।
साइनस सिरदर्द साइनस संक्रमण(साइनसाइटिस) का एक लक्षण है। यह सिरदर्द आपके चेहरे को भी दर्द की स्थिति में ले सकता है। इसके लक्षण जैसे आँखों के पीछे या गालों की हड्डियों, माथे और नाक के ऊपरी हिस्से में लगातार, हल्का दर्द महसूस होना। जब आप अचानक अपना सर हिलाते या झुकाते है तो दर्द और भी ज्यादा बढ़ जाता है। साइनसइस
को जुड़े खोकले स्थानों की श्रृंखला कहा जाता है जिसमे आपके गाल की हड़िया, माथे और नाक आपस में जुड़े होते है। नाक से लेने वाली हवा इन सब साइनस से गुजरता हुए आपके फेफ़ड़ों तक जाती है। आपके साइनस ऊतक से पंक्तिबद्ध है। वे बलगम भी बनाते है जो आपकी नाक को नम रखता है और बैक्टीरिया, वायरस, कवक और धूल ले जाने वाले एलर्जी जैसे घुसपैठियों को फँसाता है।
साइनस सिरदर्द का उत्पन्न साइनस संक्रमण से होता है। कुछ जोखिम जिनसे इसके बढ़ने का डर होता है:
- आमतौर पर जुकाम रहना
- मौसमी संक्रमण
- धूम्रपान
- संरचनात्मक मुद्दे जैसे नाक जंतु और पथभ्रष्ट झिल्ली, बलगम को साइनस के अंदर फस्या रखता है।
- कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र, संक्रमण के जोखिम को बढ़ाता है।
वैसे तो साइनस और माइग्रेन के लक्षण अक्सर एक जैसे ही होते है लेकिन कुछ अलग भी है:
* अगर आपको माइग्रेन है तो सिर के कुछ हिस्सों में तेज दर्द होगा, जी मिचलेगा, उल्टी और ध्वनि या प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता होगी। वे यही साइनस होगा तो, कानों और दांतों में पूरा एहसास, पीला बलगम, चेहरे पर सूजन, बुखार, माथे और गाल की हड्डी या नाक के पुल में दर्द और दबाव, कंजेशन या बहती नाक।
* माइग्रेन का दर्द ज्यादा क्षेत्र में बढ़ सकता है और साइनस सिरदर्द आमतौर से चेहरे पर ज्यादा अनुभव करते है।
* माइग्रेन ज्यादा या कम सोने से, तनाव, मौसम या वातावरण में बदलाव से, मोशन सिकनेस, अत्यधिक परिश्रम से होने के कारण है और साइनस पुराना जुकाम, मौसमी संक्रमण आदि।
यदि आप किसी भी प्रकार के सिरदर्द से बहुत समय से झुज रहे है तो अपने नज़दीकी डॉक्टर से जरूर सम्पर्क करे और इनके बढ़ने से पहले आराम पाए। लुधियाना के न्यूरो लाइफ ब्रेन एंड स्पाइन सेंटर भी आपके किसी भी सवाल के जवाब देने को तैयार है।