ल्स पाल्सी (चेहरे की कमजोरी) के लक्षण, निदान एवं उपचार के तरीके क्या है ?

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ल्स पाल्सी (चेहरे की कमजोरी) के लक्षण, निदान एवं उपचार के तरीके क्या है ?

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बेल्स पाल्सी, चेहरे की अचानक कमजोरी की विशेषता वाली स्थिति, हर साल हजारों लोगों को प्रभावित करती है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम बेल्स पाल्सी के लक्षण, निदान और उपचार के तरीकों के बारे में विस्तार से बताएंगे, ताकि आपको इस समस्या से निजात मिल सकें ;

लक्षण क्या है बेल्स पाल्सी के :

बेल्स पाल्सी आम तौर पर अचानक, अक्सर रात भर में आती है, और काफी चिंताजनक हो सकती है। और सामान्य लक्षणों में शामिल हो सकती है।

चेहरे की कमजोरी : 

बेल्स पाल्सी के सबसे प्रमुख लक्षणों में से एक चेहरे के एक तरफ की अचानक कमजोरी या पक्षाघात है। इसके परिणामस्वरूप मुंह या पलक झुक सकती है।

स्वाद की हानि : 

बेल्स पाल्सी से पीड़ित कुछ व्यक्तियों को अपनी जीभ के अगले दो-तिहाई हिस्से में स्वाद की अनुभूति में कमी का अनुभव हो सकता है।

बेल्स पाल्सी के कारण अगर मांसपेशियों में समस्या ज्यादा बढ़ जाए, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट का चयन करना चाहिए।

ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि का होना : 

चेहरे के प्रभावित हिस्से पर ध्वनि तेज़ या विकृत हो सकती है।

आंखों की समस्याएं : 

प्रभावित हिस्से से आंख को पूरी तरह से बंद करने में असमर्थता से सूखापन, जलन और यहां तक कि संक्रमण भी हो सकता है।

अत्यधिक आंसू निकलना : 

विरोधाभासी रूप से, कुछ रोगियों को प्रभावित हिस्से पर अत्यधिक आंसू निकलने का भी अनुभव हो सकता है।

बेल्स पाल्सी का पता कैसे लगाया जा सकता है ?

बेल्स पाल्सी के निदान में आमतौर पर एक संपूर्ण चिकित्सा परीक्षण और चेहरे की कमजोरी के अन्य संभावित कारणों का पता लगाना शामिल है। यहां बताया गया है की इस समस्या का पता कैसे लगाया जा सकता है ;

नैदानिक ​​परीक्षा का चयन करके : 

एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता मांसपेशियों की कमजोरी के लक्षणों के लिए आपके चेहरे की जांच करेगा और चेहरे के भाव बनाने की आपकी क्षमता का आकलन करेंगे।

अन्य स्थितियाँ : 

स्ट्रोक या ट्यूमर जैसे अन्य संभावित कारणों को खत्म करने के लिए, आप एमआरआई (MRI) या सीटी (CT) स्कैन जैसे परीक्षणों से गुजर सकते है।

इलेक्ट्रोमायोग्राफी (EMG) : 

निदान की पुष्टि करने में मदद करने के लिए चेहरे की मांसपेशियों की विद्युत गतिविधि का आकलन करने के लिए एक ईएमजी किया जा सकता है।

बेल्स पाल्सी का इलाज क्या है ?

बेल्स पाल्सी में किसी भी तरह के इलाज की जरूरत नहीं होती क्युकी यह अपने आप ठीक हो जाती है, और अधिकांश लोग कुछ हफ्तों से लेकर कई महीनों के भीतर पूरी तरह ठीक हो जाते है। हालाँकि, पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया को तेज़ करने और लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद के लिए उपचार के विकल्प मौजूद है ;

कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स : 

प्रेडनिसोन जैसी ये सूजन-रोधी दवाएं अक्सर चेहरे की तंत्रिका की सूजन और सूजन को कम करने के लिए निर्धारित की जाती है। सर्वोत्तम परिणामों के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स के साथ प्रारंभिक उपचार महत्वपूर्ण है।

एंटीवायरल दवाएं : 

कुछ स्वास्थ्य सेवा प्रदाता एसाइक्लोविर जैसी एंटीवायरल दवाएं भी लिख सकते है, हालांकि बेल्स पाल्सी में उनकी प्रभावशीलता पर अभी भी विचार हो रहा है।

आंखों की देखभाल : 

आंख को पूरी तरह से बंद करने में असमर्थता के कारण होने वाली जटिलताओं को रोकने के लिए कृत्रिम आँसू और मलहम की सिफारिश की जा सकती है। गंभीर मामलों में, आंख पर पैच लगाना या रात में बंद पलक पर टेप लगाना आवश्यक हो सकता है।

फिजिकल थेरेपी : 

फिजिकल थेरेपी व्यायाम मांसपेशियों की टोन बनाए रखने और रिकवरी के दौरान मांसपेशी शोष को रोकने में मदद कर सकता है।

वैकल्पिक उपचार : 

कुछ व्यक्ति एक्यूपंक्चर जैसे पूरक उपचार तलाशते है, लेकिन उनकी प्रभावकारिता अनिश्चित है और इस पर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से चर्चा की जानी चाहिए।

इसकी समस्या गंभीर होने पर आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोसर्जन का चयन करना चाहिए, लेकिन किसी भी तरह की सर्जरी का चयन करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें। 

ध्यान रखें :

सहायक उपाय, पर्याप्त आराम, तनाव प्रबंधन और एक संतुलित आहार पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया में आपकी सहायता कर सकते है। और साथ ही अगर स्थिति गंभीर हो जाए तो इसके लिए आपको न्यूरो लाइफ ब्रेन एन्ड स्पाइन सेंटर का चयन करना चाहिए।     

निष्कर्ष :

शीघ्र निदान और कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स जैसे उचित उपचार, रिकवरी में काफी तेजी ला सकते है और जटिलताओं को कम कर सकते है। हालाँकि, इस स्थिति के प्रबंधन के लिए उचित मूल्यांकन और मार्गदर्शन के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना आवश्यक है।

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Understanding EEG Results: Decoding the Brain’s Electrical Activity

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Like we use ECG tests to assess the electrical activity in the heart which diagnoses conditions of the heart, we have EEG tests for the brain. It records the brain’s electrical activity and helps study sleep disorders, epilepsy, or even some space-occupying lesions such as tumors and abscesses.

If you are trying to find the best neuro hospital, buckle up. It requires patience and hard work, like thorough research, assessing expertise, facilities, success rates, and patient testimonials. If you want to see a neurologist in Ludhiana, read this blog. You will be able to find a suitable doctor for you.

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Understanding about EEG

EEG TEST

EEG is used to evaluate the brain’s electrical impulses. In this procedure, doctors apply electrodes to the scalp, which he then connects to a machine that records the brain’s activity. These days with the significant advance in medical technology, EEG is the central procedure to detect epilepsy.

Normal EEG results

A routine EEG displays a rhythmic pattern of brain waves such as:

Alpha waves (8-12 Hz)– Shows Relaxed states with closed eyes.
Beta waves (13-30 Hz)- Dominate when awake and engaged.
Theta waves (4-7 Hz)- Light sleep or daydreaming.
Delta waves (0.5-3 Hz)- It shows deep sleep.

These transitions reflect different levels of consciousness and mental activity. Any irregularities or abnormal spikes might indicate neurological conditions and require further examination.

Abnormal EEG results

It means that sometimes the EEG is described as ‘abnormal’ (that is ‘not normal’ brain activity) but does not ‘prove’ that the person has epilepsy. … Also, many people with epilepsy will only have ‘abnormal’ movement on the EEG if they have a seizure when the test is happening.

DOCTOR USING AN EEG RESULT

A doctor utilizes EEG results as a valuable diagnostic tool to assess and interpret brain activity in patients.

When the doctor places the electrodes on the scalp, the EEG records electrical patterns generated by neurons, enabling the doctor to analyze various brain functions such as:

  • Sleep patterns
  • Seizures
  • Cognitive processes

Interpreting EEG data assists the doctor in diagnosing neurological disorders, epilepsy, and other conditions affecting brain health.

 

Abnormal EEG patterns can indicate irregularities, aiding in tailoring treatment plans and medication adjustments.

Additionally, EEG findings play a crucial role in monitoring the progression of brain disorders over time, allowing doctors to make informed decisions about interventions and therapies. Overall, EEG results empower doctors with essential insights into brain activity, guiding them in providing personalized and effective medical care.

MEANING OF ABNORMAL EEG RESULT

An abnormal EEG result signifies deviations from the typical electrical activity patterns of the brain which can indicate an underlying brain disorder.

It can indicate neurological conditions such as:

  • Epilepsy
  • Seizures
  • Brain injuries, or
  • Sleep disorders

Irregular spikes, sharp waves, or slow rhythms in the EEG suggest above mentioned abnormalities.

 

These findings aid doctors in diagnosing and understanding the nature of the patient’s condition, enabling them to formulate appropriate treatment strategies.

CONCLUSION

Understanding EEG results requires neuroscience, signal processing, and clinical experience. The doctors use the information derived from EEG results to understand and diagnose neurological conditions and offer valuable insights into the brain’s cognitive process. If you want the best medical care for you or your loved ones, you can visit Neurolife Brain and Spine Hospital.

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जानिए क्या है ब्रेन हेमरेज के कारण, लक्षण और बचाव के तरीके ?

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दिमाग या मस्तिष्क का हमारे शरीर में महत्वपूर्ण हिस्सा है। अगर इसमें थोड़ी सी भी परेशानी हो तो यह पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है। इसलिए ऐसे में दिमाग का सुरक्षित रहना बेहद जरूरी है। वही दिमाग में कई तरह की समस्याएं होती हैं। और इन समस्याओं को ही ब्रेन हेमरेज कहा जाता है। यह समस्या मस्तिष्क की धमनी के फटने के कारण होती है। इसके अलावा ये समस्या क्यों उत्पन्न होती है के बारे में जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर से पढ़े ;

ब्रेन हेमरेज के कारण क्या है ?

  • सिर पर चोट का लगना।
  • उच्च रक्तचाप की समस्या का होना।
  • धमनी के बाहरी भाग का कमजोर पड़ना।
  • रक्त संचार में परेशानी का आना। 
  • रक्त संबंधी किसी रोग से पीड़ित। 
  • मस्तिष्क में ट्यूमर की समस्या।
  • जिगर की बीमारी का होना आदि।

अगर आपको इन समस्याओं की वजह से सर्जरी करवाने की जरूरत पड़े, तो इसके लिए आपको बेस्ट न्यूरोसर्जन लुधियाना से संपर्क करना चाहिए।

क्या है ब्रेन हेमरेज?

  • ब्रेन हेमरेज से आपके सिर में एक गंभीर बीमारी का घर बन जाता है, जो आगे चल कर आपको काफी परेशानी में डाल सकता है। 
  • इस स्थिति में आसपास के ऊतकों में रक्तस्राव होने लगता है। और रक्तस्राव होने से मस्तिष्क की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। सरल शब्दों में समझे तो मस्तिष्क में शिरा (नस) के फटने को ब्रेन हेमरेज कहा जाता है। 

ब्रेन हेमरेज की समस्या किन लोगों में सबसे ज्यादा पाई जाती है ?

  • यह समस्या अधिकतर मामलों में हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित व्यक्ति, ट्रॉमा से पीड़ित व्यक्ति, दवाइयों का अधिक सेवन करने वाले और कमजोर नस वाले व्यक्तियों को होने की आशंका अधिक होती है।

लक्षण क्या है ब्रेन हेमरेज के ?

  • उल्टी का आना।
  • सुस्ती का महसूस होना।
  • देखने की क्षमता में बदलाव का आना।
  • अचानक सिरदर्द की समस्या।
  • दौरे का पड़ना। 
  • उल्टी और जी मिचलाने जैसा महसूस होना।
  • चक्कर आना। 
  • बेहोशी जैसा महसूस होना

अगर आपमें भी ऐसे कुछ लक्षण नज़र आ रहें है तो इससे बचाव के लिए आपको बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट लुधियाना का चयन करना चाहिए।

ब्रेन हेमरेज की समस्या से कैसे करें खुद का बचाव ?

  • मस्तिष्क में चोट लगने से ब्रेन हेमरेज हो सकता है। ऐसे में हमेशा गाड़ी चलाते समय हेलमेट पहनना न भूलें।
  • हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखें। अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो समय पर अपना इलाज कराएं। रोजाना व्यायाम करें और नियमित रूप से बीपी की जांच कराएं।
  • धूम्रपान करने वालों को कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। इससे रक्त वाहिकाएं कमजोर हो जाती है, जिससे रक्तस्राव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसलिए जितना हो सके धूम्रपान से दूर बनाकर रखें।

ब्रेन हेमरेज से बचाव के लिए बेस्ट हॉस्पिटल या सेंटर !

  • अगर आप भी ब्रेन हेमरेज की समस्या से खुद का बचाव करना चाहते है, तो इसके लिए आपको समय पर न्यूरो लाइफ ब्रेन एन्ड स्पाइन सेंटर के अनुभवी डॉक्टरों का चयन जरूर करना चाहिए।

निष्कर्ष :

  • मस्तिष्क या दिमाग के बिना हमारे शरीर का कोई भी अंग सही तरीके से काम करने में असमर्थ हो जाता है, इसलिए दिमाग को शरीर का एहम हिस्सा माना जाता है। तो वही अगर आपका दिमाग भी ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा, तो ऐसे में आपको किसी अनुभवी मस्तिष्क के डॉक्टर का चयन कर लेना चाहिए।
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शरीर में गंभीर लक्षण दिखने पर फौरन करें डॉक्टर का चयन !

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अगर हमे ज़िन्दगी अच्छे से जीना है तो उसके लिए हमारे शरीर का स्वास्थ्य रहना बहुत जरूरी है। इसके अलावा अगर हमारे शरीर में कोई भी समस्या हो तो उसके लिए हमे जल्दी ही डॉक्टर का चयन कर लेना चाहिए, तो वही ऐसे कौन-से लक्षण है जो अगर हममें दिखे तो हमे सतर्क हो जाना चाहिए, इसके बारे में बात करेंगे। इसलिए अगर आप चाहते है कि आपका शरीर स्वास्थ्य रहें तो इसके लिए आपको आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ना चाहिए ;  

शरीर को स्वास्थ्य रखने के लिए क्या करना चाहिए ?

  • इसके अलावा योग को भी अपनी रोजाना की दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। क्युकि योग करने से व्यक्ति निरोग रहता है। 

शरीर में किसी भी तरह की समस्या कब उत्पन होती है ?

  • जब हमारे द्वारा हद से ज्यादा एक ही जगह पर बैठ कर काम किया जाता है तो हमारे शरीर में तरह-तरह की समस्या उत्पन हो जाती है जैसे, सिर, गर्दन और पीठ में दर्द का होना।  
  • भाग दौड़ भरे दिन की शुरुआत करने के चक्कर में हम हेल्थी डाइट नहीं ले पाते या हम अपने खान-पान की तरफ अच्छे से ध्यान नहीं दे पाते जिसकी वजह से हमारे शरीर में तरह-तरह की समस्या उत्पन हो जाती है और ये समस्या कई बार सर्जरी का रूप भी धारण कर लेती है।  

अगर आपके शरीर में भी उपरोक्त समस्या उत्पन हो गई है तो इससे बचाव के लिए आपको बेस्ट न्यूरोसर्जन लुधियाना के सम्पर्क में आना चाहिए। 

शरीर में कौन-से लक्षण दिखने पर हम अस्वास्थ्य महसूस करते है ?

  • “हाथ और पैरों में झनझनाहट” अक्सर लोगों को मामूली बात लगती है। लेकिन हाथ और पैरों में झनझनाहट की समस्या लंबे समय तक बनी रहती है तो ये गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। कई बार हाथ और पैरों में झनझनाहट नसों में ब्लॉकेज की वजह से हो सकती है। इसके अलावा आपको चलने के दौरान पैरों में दर्द, छोटी-छोटी बातों को भूलने जैसी समस्या आपमें उत्पन हो गई है तो इसके लिए आपको तुरंत बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट लुधियाना से संपर्क करना चाहिए। 
  • कई घंटों तक लगातार एक ही पोजीशन में बैठकर कोई काम करने या लगातार गर्दन को एक ही पोजीशन में रखने की वजह से दर्द की समस्या हो सकती है। लगातार गर्दन में दर्द रहने पर भी आपको तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। 
  • अगर आपको लगातार सिर में दर्द रहता है। लेकिन ये दर्द सिर के आगे और पीछे वाले हिस्से में लगातार समस्या बन चुकी है तो आप तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट का चयन करें। डॉक्टर के मुताबिक लगातार सिर में दर्द रहने की वजह से कई मानसिक और शारीरिक बीमारियां हो सकती हैं। कई बार ये दर्द नसों को प्रभावित कर सकती है, जिसकी वजह से आपको परेशानी उठानी पड़ सकती हैं। तो वही कुछ अनुभवी डॉक्टरों का मानना है की सिर दर्द की परेशानी कई बार स्क्रिन (screen) देखने की वजह से भी हो सकती है। 

सुझाव :

अगर आपके शरीर में भी उपरोक्त लक्षण दिखाई दे रहें है तो इससे बचाव के लिए आपको न्यूरो लाइफ ब्रेन एन्ड स्पाइन सेंटर का चयन कर लेना चाहिए। 

निष्कर्ष :

शरीर में किसी भी तरह की समस्या आने पर जल्द ही डॉक्टर का चयन करें, और अपनी सेहत का खास ध्यान रखें।

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दिमाग में पानी भरने के क्या है शुरुआती लक्षण, और इलाज ?

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दिमाग में पानी का भरना किसी गंभीर समस्या से कम नहीं है, इसके अलावा दिमाग में पानी क्यों भरता है, इसके लक्षण हर उम्र के लोगों में कैसे दिखाई देते है, साथ ही दिमाग में अगर पानी भर जाए तो कैसे हम इससे खुद का बचाव कर सकते है इसके बारे में बात करेंगे, इसलिए इसके बारे में जानने के लिए आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहें ;

दिमाग में पानी क्यों भरता है ?

  • दिमाग में पानी का भरना दो तरह से होता है पहला जन्म के दौरान पैदा हुए बच्चे के दिमाग में पानी भरना। दूसरा किसी आम इंसान के दिमाग में पानी का भरना जिसके कई कारण हो सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि सिर में चोट, स्ट्रोक, ब्रेन स्पाइनल कोड ट्यूमर और दिमाग या रीढ़ की हड्डी के अन्य संक्रमण के कारण भी ऐसा हो सकता है।

दिमाग में पानी का भरना क्या है ?

  • आमतौर पर CSF (सेरेब्रोस्पाइनल द्रव) दिमाग में वेंट्रिकल्स कहे जाने वाले क्षेत्रों से होकर बहता है। यह पदार्थ दिमाग में पोषक तत्व भेजने और गंदे पदार्थों को हटाने का काम करता है। अगर आपके दिमाग में भी पानी भर गया है, तो इससे बचाव के लिए आप बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट लुधियाना का चयन करें।
  • इतना ही नहीं, यह दिमाग और रीढ़ की हड्डी को साफ करता है और उन्हें चोट से बचाता है। वही आपका शरीर रोजाना इस पदार्थ को उतनी मात्रा में बनाता है जितनी जरूरत होती है। इसका निर्माण ज्यादा होने से आपके सिर के अंदर दबाव बढ़ता है। और यह दबाव दिमाग को सही तरह से काम करने से रोकता है।

बच्‍चों के दिमाग में पानी भरने के क्या लक्षण है ?

  • बच्‍चों के सिर का आकार सामान्य से ज्यादा बड़ा होना।
  • सिर के ऊपरी हिस्से का फूला दिखना।
  • सिरदर्द की समस्या।
  • उल्टी की समस्या।
  • नींद का ना आना और शरीर का अच्छे से विकास न हो पाना।
  • अगर ये लक्षण आपके बच्‍चों में नज़र आ रहें है तो इसे नज़रअंदाज़ न करें बल्कि समय रहते बेस्ट न्यूरोसर्जन लुधियाना का चयन करें, अपने बच्चों के अच्छे सेहत के लिए।

वयस्कों और बुजुर्गों के दिमाग में पानी भरने के क्या लक्षण है ?

  • सिरदर्द का होना।
  • उल्टी की समस्या।
  • आंखों की समस्या का सामना करना।
  • नींद से जुड़ी समस्या को झेलना।
  • थकान महसूस करना।
  • चलने में समस्या।
  • अल्पकालिक स्मृति की हानि।
  • डिमेंशिया की समस्या।

दिमाग में पानी भरने की समस्या का इलाज क्या है ?

  • दिमाग में पानी भरने पर डॉक्टर जरूरी जांच के बाद इलाज शुरू करते हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए आपको इसके लक्षणों को पहचानकर डॉक्टर की सलाह का पालन जरूर करना चाहिए।
  • वही दिमाग में पानी जमा होने को रोकने या ठीक करने का कोई तरीका नहीं है, लेकिन सर्जरी से इसका इलाज किया जा सकता है। इसलिए व्यक्ति को अगर समय पर इलाज मिल जाए तो रिकवरी की संभावना बढ़ जाती है।

अगर आप भी चाहते है कि आपको आपकी परेशानी का हल मिल जाए तो इसके लिए आपको लक्षणों पर खास ध्यान रखना है और इसके इलाज के लिए आपको न्यूरो लाइफ ब्रेन एन्ड स्पाइन सेंटर का चयन करना है। क्युकी इस सेंटर में इलाज आधुनिक उपकरणों की मदद से अनुभवी डॉक्टरों के द्वारा किया जाता है।

निष्कर्ष :

उम्मीद करते है कि आपको पता चल गया होगा की दिमाग में पानी भरने पर क्या करना चाहिए और किन लक्षणों को ध्यान में रख के डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

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List of foods that you can consume to maintain your brain health

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Well, the brain is the control centre of the body. As it helps to breathe, feel, think and move as well. That is why everyone focuses on keeping their brain healthy. But if you are facing some severe brain problems, then you can get in touch with a Neurologist in Ludhiana at Neuro Life Brain & Spine Centre. And they have the best Neurosurgeon in Punjab.

However, the type of food that you take plays an essential role in your brain health, and that also helps to improve some mental tasks such as memorising something and concentration power as well.

These are the substances or foods that you can consume to keep your brain health

  • Fatty fish

This is a top-listed food for mental health, as almost all health experts suggest consuming this food to keep the brain healthy. Fishes are a rich source of omega-3 fatty acids which contributes to mental health. According to many scientific studies, 60% of the human brain is made of fat, and half of that is omega-3.

Moreover, omega-3s help to build new brain cells, which makes your memory sharp. So you have to make sure that you eat fish once every week and you can choose the quantity according to your body’s requirements.

  • Blueberries

The benefits of eating blueberries are countless because it not only helps in brain functioning but also provides benefits to other body organs as it helps to prevent the brain from neurodegenerative diseases and also from stress. Blueberries provide some sorts of antioxidants to the body, which help to improve communication between brain cells. And that brings positive outcomes for mental health. And you can get more benefits from blueberries by adding them to your breakfast.

  • Turmeric

Turmeric contains many antioxidant properties, so it can also cure brain disease and also provide other basic benefits. On the basis of some studies and research, it is proven that turmeric can assist in making your memory sharp.

Furthermore, people who are facing symptoms of depression can consume it as it releases feel-good hormones, which help to change their mood. Ultimately, these factors can improve brain health and also prevent depression and anxiety.

Additionally, turmeric also plays an essential role in increasing the production of brain cells, which can prevent you from age-related mental decline and other issues.

  • Broccoli

This is a rich source of vitamin-k which maintains mental health. And it also promotes the production of brain cells fat. Health experts suggest consuming broccoli for those people who are facing issues with their memory power. The anti-inflammatory and antioxidant properties of broccoli play a significant role in preventing the brain from getting damaged.

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How are omega-3 fatty acids an effective choice for brain health?

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How to keep brain health working effectively?

The type of diet you follow for your brain health is essential to keep everything well-managed and in the right state. The different compounds are present in the body that might get affected due to the biochemistry due to a number of factors. The change or enhanced structure at the molecular level is the primary reason for the body’s organs to be well-balanced and get the necessary nutrients to keep the brain compounds all functional & right. If there seems to be a problem with your well-being, then you better consult the best Neurologist in Ludhiana to improve the entire situation effectively.

Omega-3 fatty acids fruitful for brain health

The choice of omega-3 fatty acids is filled with the goodness of organic compounds, which are extremely appropriate to make the brain ailments addressed in a significant manner. If you are concerned about how much to take and what time, then you should get the supervision of the best neurologist. Additionally, he will tell you better whether to take the omega-3 softgel capsules or not.

The use of omega-3 fatty acids is known to offer a variety of health benefits to overall brain health and even reduce the severity factor of brain ailments. When you take the same on time and in the right amount, it helps to make the brain health even better. With fish oil, there are omega-3 acids with the combination of EPA and DHA that are solely derived from these options. So, if you directly cannot consume fish in that case, you should consume omega-3 soft gel capsules to make your brain health get in better state.

Omega 3 different benefits

The intake of omega 3 offers different benefits to boost brain health in a different situations, and these include:

  • Allows to offer benefits for cell growth and membrane preservation

The intake of omega-3 fatty acids is a fruitful choice to make brain health improved and robustness in different situations. The omega-3 is known to work directly in the state of brain development to make well-being managed. So, even if the baby is growing in the mother’s womb, the doctor suggests omega-3.

  • The intake of omega-3 during pregnancy (after consultation with your gynecologist) does show a significant impact on brain development in a better state. The right functioning of overall health will make a huge change in omega-3 fatty acids intake. To ensure there’s no improper brain functioning, you should make the said choice to make the utmost difference.
  • Not just brain development even allows boosting memory to help us see the necessary change. Even research has shown that the intake of omega-3 is known to give fruitful benefits for long-term and short-term memory to make the overall functionality much better. Make sure that you don’t wait for too long to see the necessary effect on your brain health.