न्यूरो ब्रेन लाइफ एंड स्पाइन सेंटर ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो के माध्यम से यह दिखाया गया की कैसे इलाज के बाद मिले परिणाम से मरीज़ के माता-पिता बेहद खुश है और इलाज करने के लिए वह न्यूरोसर्जन में स्पेशलिस्ट डॉक्टर अमित मित्तल का शुक्रगुज़ार कर रहे है |
इस वीडियो में उन माता-पिता ने अपने बच्चे को हुए परेशानी के बारे में बताते हुए यह कहा कि कुछ समय पहले एक दुर्घटना होने के कारण उनके बच्चे के दिमाग में फ्रैक्चर आ गया था, जिसकी वजह से उनके बच्चे के पूरे सिर में सूजन आ गयी थी | हालांकि उन्होंने समय रहते अपने बच्चे इलाज तो करवा लिया था, लेकिन इलाज के बाद कुछ समय बाद उनके बच्चे को दौरे की समस्या होने लग गयी थी, जो अब हर दिन उनके बच्चे को काफी प्रभावित कर रही थी | अनेकों जगह इलाज और परीक्षण करवाने के बाद उन्हें कहीं से न्यूरो ब्रेन लाइफ एंड स्पाइन सेंटर के बारे पता चला और समय को व्यर्थ न करते हुए वह अपने बच्चे को लेकर इस संस्थान में इलाज के लिए पहुंच गए |
इस संस्थान में उनकी मुलाकात डॉक्टर अमित मित्तल से हुई जो की न्यूरोसर्जन में स्पेशलिस्ट है, जिन्होंने उनके बच्चे की स्थिति की पूरी जाँच पड़ताल कर उन्हें दुराप्लास्टी सर्जरी करवाने की सलाह दी | हलाकि सर्जरी सुन कर पहले तो वह काफी डर गए थे लेकिन डॉक्टर अमित मित्तल ने उन माता-पिता को यह अस्वाशन दिया की सर्जरी के बाद उनका बच्चा संपूर्ण से ठीक हो सकता है | इसलिए उन्होंने डॉक्टर पर भरोसा कर सर्जरी करवाने का निर्णय लिया | उनके बच्चे की सर्जरी सफलतापूर्वक से हुई और उनके बच्चे को इस सर्जरी से किसी भी तरह के दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ा | आज उनका बच्चा बिलकुल ठीक है और सर्जरी से मिले परिणाम से वह दोनों माता-पिता बेहद खुश है | उनकी सलाह यही है की यदि कोई भी व्यक्ति दिमाग या फिर रीढ़ की हड्डी से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या से गुज़र रहा है तो वह अपने इलाज न्यूरो ब्रेन लाइफ एंड स्पाइन सेंटर के डॉक्टर अमित मित्तल से ही करवाए |
सेंट्रल वर्टिगो एक ऐसी स्थिति है, जिसमें चक्कर आना और घूमने या हिलने-डुलने का गलत एहसास होना शामिल है, जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के भीतर एक समस्या से उत्पन्न होती है। परिधीय चक्कर के विपरीत, जो आमतौर पर आंतरिक कान के मुद्दों से जुड़ा होता है, केंद्रीय चक्कर में अक्सर अधिक गंभीर अंतर्निहित कारण शामिल होते है। तो इस ब्लॉग में, हम सेंट्रल वर्टिगो के कारणों, लक्षणों और रोकथाम के तरीकों का पता लगाएंगे, इसलिए इसके बारे में जानने के लिए लेख के साथ अंत तक बने रहें ;
सेंट्रल वर्टिगो के कारण क्या है ?
सेंट्रल वर्टिगो विभिन्न मस्तिष्क विकारों, जैसे ट्यूमर, मल्टीपल स्केलेरोसिस या स्ट्रोक के कारण उत्पन्न हो सकता है। ये स्थितियाँ मस्तिष्क की संतुलन और स्थानिक जानकारी को संसाधित करने की क्षमता को प्रभावित करती है, जिससे चक्कर आता है।
माइग्रेन से पीड़ित कुछ लोगों को एक प्रकार का केंद्रीय चक्कर का अनुभव होता है जिसे वेस्टिबुलर माइग्रेन के रूप में जाना जाता है। यह स्थिति बार-बार चक्कर आने से चिह्नित होती है और अक्सर गंभीर सिरदर्द के साथ होती है।
कुछ दवाएं, विशेष रूप से केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाली दवाएं, साइड इफेक्ट के रूप में केंद्रीय चक्कर का कारण बन सकती है। अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ ऐसे किसी भी दुष्प्रभाव पर चर्चा करना आवश्यक है।
अगर चक्कर आने जैसी समस्या का सामना आपको भी करना पड़ रहा है, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट के संपर्क में आना चाहिए।
सेंट्रल वर्टिगो क्या है ?
वर्टिगो चक्कर आने की अनुभूति है या ऐसा महसूस होना कि प्रभावित व्यक्ति के आसपास का वातावरण घूम रहा है। यह प्रभावित व्यक्ति के संतुलन को बिगाड़ सकता है और किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है और नहीं भी। वर्टिगो आमतौर पर स्ट्रोक या ब्रेन ट्यूमर जैसी किसी अंतर्निहित स्थिति का संकेत होता है।
अगर स्ट्रोक का खतरा आपको काफी गंभीर समस्या में डाल रहा है, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोसर्जन का चयन करना चाहिए।
सेंट्रल वर्टिगो के लक्षण क्या है ?
चक्कर आना :
सेंट्रल वर्टिगो आमतौर पर चक्कर आने या चक्कर आने की गहरी अनुभूति के रूप में प्रकट होता है, जो लगातार या रुक-रुक कर हो सकता है।
मतली और उल्टी :
सेंट्रल वर्टिगो वाले व्यक्तियों को अक्सर मतली का अनुभव होता है और उनके चक्कर की गंभीरता के कारण उल्टी भी हो सकती है।
संतुलन की हानि :
अस्थिरता की भावना और संतुलन बनाए रखने में कठिनाई आम है। इससे गिरने और दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
चलने में कठिनाई :
चलना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि केंद्रीय चक्कर समन्वय और चाल को बाधित कर सकता है।
दृश्य गड़बड़ी :
सेंट्रल वर्टिगो से पीड़ित कुछ लोग दृश्य गड़बड़ी की शिकायत करते है, जैसे धुंधली दृष्टि या तेजी से आंख हिलाना।
सिरदर्द :
यदि सेंट्रल वर्टिगो माइग्रेन से जुड़ा है, तो गंभीर सिरदर्द एक प्रमुख लक्षण हो सकता है।
सेंट्रल वर्टिगो के रोकथाम के तरीके क्या है ?
यदि आपके पास एक अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति है जो केंद्रीय चक्कर में योगदान कर सकती है, जैसे उच्च रक्तचाप या मधुमेह, तो इन स्थितियों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना आवश्यक है। आपके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ नियमित जांच से आपके समग्र स्वास्थ्य की निगरानी करने में मदद मिल सकती है।
यदि आप ऐसी दवाएं ले रहे है, जो चक्कर का कारण बन सकती है, तो अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें। वे आपकी दवा को समायोजित करने या दुष्प्रभावों को कम करने के लिए वैकल्पिक विकल्पों की सिफारिश करने में सक्षम हो सकते है।
निर्जलीकरण से चक्कर आना और वर्टिगो बढ़ सकता है। इसलिए सुनिश्चित करें कि आप उचित जलयोजन बनाए रखने के लिए पूरे दिन पर्याप्त पानी पियें।
एक स्वस्थ, संतुलित आहार माइग्रेन जैसी स्थितियों को रोकने और समग्र स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद कर सकते है। कैफीन और कुछ परिरक्षकों जैसे ट्रिगर खाद्य पदार्थों और योजकों को सीमित करना फायदेमंद हो सकता है।
तनाव केंद्रीय चक्कर को बढ़ा सकता है, खासकर अगर यह माइग्रेन से जुड़ा हो। ध्यान, योग या गहरी साँस लेने के व्यायाम जैसी तनाव कम करने वाली तकनीकों का अभ्यास करें।
नियमित शारीरिक गतिविधि में शामिल होने से समग्र संतुलन में सुधार करने और गिरने के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। ऐसे व्यायाम चुनना आवश्यक है जो आपके फिटनेस स्तर और स्वास्थ्य स्थिति के लिए सही हों।
यदि आपने सेंट्रल वर्टिगो के एपिसोड का अनुभव किया है, तो घर पर गिरने से रोकने के लिए सावधानी बरतें। ट्रिपिंग के खतरों को दूर करें, रेलिंग लगाएं और अपने बाथरूम में नॉन-स्लिप मैट का उपयोग करें।
कुछ मामलों में, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता वेस्टिबुलर पुनर्वास चिकित्सा की सलाह देते है। यह विशेष कार्यक्रम मस्तिष्क को समस्याओं को संतुलित करने और चक्कर के लक्षणों को कम करने के लिए प्रशिक्षित करने में मदद करता है।
सेंट्रल वर्टिगो एक ऐसी स्थिति है जो किसी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। इसके कारणों को समझना, इसके लक्षणों को पहचानना और निवारक उपायों का पालन करने से सेंट्रल वर्टिगो की गंभीरता को प्रबंधित करने और कम करने में मदद मिल सकती है। यदि आपको संदेह है कि आपको सेंट्रल वर्टिगो है, तो आपकी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप उचित निदान और उपचार योजना के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। याद रखें, शुरुआती हस्तक्षेप और जीवनशैली में बदलाव आपकी सेहत में काफी अंतर ला सकते है।
न्यूरो लाइफ ब्रेन एंड स्पाइन सेंटर के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर अमित मित्तल ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक यूट्यूब शॉर्ट्स में यह बताया कि ब्रेन स्ट्रोक ऐसी समस्या है, जिससे आपातकालीन स्थिति में मेडिकल केयर की ज़रुरत पड़ती है, क्योंकि इस स्ट्रोक से पीड़ित मरीज़ के दिमाग की कोशिकाएं मर जाती है | लेकिन एक स्ट्रोक पीड़ित व्यक्ति को कैसे प्रभावित करता है, यह पूर्री तरह से इस बात पर निर्भर करता है की स्ट्रोक के अटैक ने व्यक्ति के मस्तिष्क पर कहाँ और कितना नुक्सान किया है |
अगर बात करें की क्या ब्रेन स्ट्रोक का इलाज किया जा सकता है तो इसका जवाब हां है | आजकल हर हॉस्पिटल और संस्थान में ऐसे नयी तकनीकों ने प्रक्षेपण किया है जिसके उपयोग से ब्रेन स्ट्रोक की समस्या का इलाज भी आसानी से किया जा सकता है | इन उपचारों में एक है इंटरवेशनल न्यूरोराडियोलॉजी | इंटरवेशनल न्यूरोराडियोलॉजी यानी आईआर एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमें मस्तिष्क के चिंता हिस्सों में नियमित रूप से निर्दिष्ट करने के लिए छोटे कैथेटर ट्यूब और तारों और इसके साथ ही छोटे सुईओं का उपयोग कर सर्जरी की जाती है | इस प्रक्रिया को पिनहोल प्रक्रिया भी कहा जाता है जो ओपन सर्जरी और लैप्रोस्कोपी सर्जरी के मुकाबले एक बेहतर विकल्प होता है |
यदि बात करें जटिलताओं की तो ओपन सर्जरी के मुकाबले आईआर सर्जरी से होने वाले जोखिम कारक बहुत कम होता है | इससे हुए सर्जरी के बाद मरीज़ को हॉस्पिटल में ज्यादा दिन नहीं बिताने पड़ते है और वह जल्द ही ठीक होने के बाद अपने रोज़मर्रा जीवनशैली पर वापिस भी जा सकते है |
इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप दिए गए लिंक पर क्लिक करें और इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप न्यूरो लाइफ ब्रेन एंड स्पाइन सेंटर नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है | इस चैनल पर इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो बनाकर पोस्ट की हुई है |
यदि आपका का कोई परिजन ब्रेन स्ट्रोक जैसी समस्या से पीड़ित है और आप उसका इलाज करवाना चाहते है तो इसलिए लिए आप न्यूरो लाइफ ब्रेन एंड स्पाइन सेंटर से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर अमित मित्तल ब्रेन और स्पाइन सर्जन में स्पेशलिट्स है, जो इंटरवेशनल न्यूरोराडियोलॉजी का उपयोग कर ब्रेन स्ट्रोक जैसे समस्या को कम करने में आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकते है | इसलिए आज ही न्यूरो लाइफ ब्रेन एंड स्पाइन सेंटर की वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट पाए दिए नंबरों से आप इस संस्थान से सीधा संपर्क कर सकते है |
पूरे विश्व भर में बीमारियों का केहर बढ़ते ही जा रहा है | जिसकी वजह से हर साल कोई न कोई नयी बीमारी उत्पन्न हो जाती है, जो हर वर्ग के लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर देती है | आप यह जानकर आश्चर्यचकित हो जायेंगे की दुनिया भर में कम से कम 300 करोड़ लोग न्यूरोलॉजिकल समस्या से जूझ रहे है | यदि आसान भाषा में बात करे तो दुनिया भर में हर तीसरा शख्स न्यूरोलॉजिकल बीमारी का शिकार हो जाता है | न्यूरो लाइफ ब्रेन & स्पाइन सेंटर के सीनियर कंस्टलटेंट डॉक्टर अमित मित्तल जो की न्यूरोसर्जरी में एक्सपर्ट है, उन्होंने अपने रिसर्च में इस बात का खुलासा किया की कोरोना काल के बाद से दुनिया भर में कम से कम 3 बिलियन से अधिक लोग न्यूरोलॉजिकल समस्या के अपना जीवन व्यतीत कर रहे है |
न्यूरोलॉजिकल कंडीशन एक ऐसी स्थिति है जिससे दुनिया भर के लोगों में ख़राब स्वास्थ्य और विकलांगता का कारण बन रही है | न्यूरोलॉजिकल कंडीशन के कारण होने वाली बीमारी, विकलांगता और मौतों का दर 1990 के बाद से 18 प्रतिशत तक वृद्धि हो गया है | चिंता का विषय तो यह है की न्यूरोलॉजिकल कंडीशन से होने वाले सबसे ज़्यादा मौतें कम आय वाले देशों में हो रही है | हाई इनकम वाले देशों में निम्र और मध्य आय वाले देशों की तुलना में 70 प्रतिशत से अधिक न्यूरोलॉजिकल प्रोफेशनल मौजूद होते है | साल 2021 के बाद से सबसे कॉमन समस्या न्यूरोलॉजिकल कंडीशन पायी गयी है, जिनमे शामिल है स्ट्रोक, नियोनेटल एन्सेफ़ेलोपथी, माइग्रेन, डिमेंशिया, डाइबिटिक न्युरोपैथी, मेनिनजाइटिस, मिर्गी, समय से जनम से ही न्यूरोलॉजिकल जटिलताएं, ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर और नर्वस सिस्टम कैंसर |
डॉक्टर अमित मित्तल ने यह भी बताया की इस रिसर्च के दौरान इस बात का भी खुलासा हुआ है की न्यूरोलॉजिकल कंडीशन महिलाओं की तुलना में पुरुषों में सबसे अधिक बीमारी और विकलांगता का कारण बनती है | हालांकि माइग्रेन और डिमेंशिया जैसे न्यूरोलॉजिकल कंडीशन महिलाओं को सबसे ज़्यादा प्रभावित करती है | साल 1990 के बाद से न्यूरोलॉजिकल कंडीशन से मरने वालो का दर तेज़ी से बढ़ते ही जा रहा है | चिंता की बात तो यह है की पूरे विश्व भर में डाइबिटिक न्युरोपैथी सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है, जिससे पीड़ित लोगों की संख्या अब 3 गुना से भी अधिक हो गयी है | डाइबिटिक न्युरोपैथी डॉयबटीज मरीज़ों में होने वाली एक ऐसे समस्या है, जिससे शरीर की नस्से डैमेज हो जाती है |
यदि आप भी किसी प्रकार के न्यूरोलॉजिकल कंडीशन से गुजर रहे हैं तो बेहतर यही है की आप डॉक्टर के पास जाकर इसका इलाज करवाएं, ताकि इस समस्या से आप जल्द से जल्द छुटकारा पा सके | इसके लिए आप न्यूरो लाइफ ब्रेन & स्पाइन सेंटर से भी परामर्श कर सकते है | यहाँ के डॉक्टर अमित मित्तल न्यूरोसर्जरी में एक्सपर्ट है, जो इस समस्या से छुटकारा दिलाने में आपकी मदद कर सकते है |
People with psychosis typically experience delusions and hallucinations. Psychotic disorders are severe mental disorders that cause abnormal thinking and perceptions. People with psychosis lose touch with reality. Two of the main symptoms are delusions and hallucinations. Delusions are false beliefs, such as thinking that someone is plotting against you or that the TV is sending you secret messages. Hallucinations are false perceptions, such as hearing, seeing, or feeling something not there.
What is the definition of the psychotic disorder?
Psychosis is disconnection from reality. People have false beliefs or experience things that are not real. Psychosis is not a condition. It is a term that describes a collection of symptoms. The best neurologist in Punjab will provide you with the treatment.
What are the causes of the psychotic disorder?
There are different types of reasons that cause psychotic disorder.
Physical ailment or damage: If you have lead or mercury poisoning, a high fever, or a head injury, you might see or hear things. Delusions or hallucinations may potentially be a symptom of Parkinson’s or Alzheimer’s disease.
Maltreatment or injury: Psychosis is more prone to occur in those who have been the victim of abuse or traumatic events. Experiences with racism are included in this.
Recreational narcotics: It is still unclear if using recreational drugs like cannabis and LSD directly causes psychosis; ingesting these drugs may increase your chances of hearing or seeing strange things.
Symptoms of the psychotic disorder
There are different signs people experience during the psychotic disorder.
Delusions: Irrational, unfounded, false beliefs. These views might be weird or discriminatory and are frequently illogical. For instance, someone can think invisible forces are targeting them or that they possess unique abilities.
Hallucinations: Sensory experiences that happen without outside stimuli are known as hallucinations. Hearing voices that other people cannot hear is known as auditory hallucinations, and it is the most prevalent kind of hallucination in psychotic conditions.
Thinking unorganized: Need help putting ideas into order or interpreting data. This can appear as jumbled or nonsensical speech, which makes it challenging for others to comprehend the speaker’s ideas or message.
Negative symptoms include less emotional expression, social disengagement, and a lack of drive or enthusiasm for activities. They also relate to a decline in everyday functioning.
Treatment of the psychotic disorder
Psychotic disorders are most effectively treated with a combination of medications and therapies. A psychiatrist can help you determine your needs based on your condition’s severity.
Medication: Antipsychotic medications are among the first lines of treatment for psychosis. These help to block serotonin or dopamine receptors in your brain to prevent hallucinations and delusions. Antipsychotics may not be appropriate for substance use-related psychosis. This largely depends on the substance used.
Therapy:
Different forms of therapy are used in the treatment of psychosis:
Cognitive behavioral therapy is particularly helpful in changing the thought patterns that can lead to delusions and hallucinations.
Individual talk therapy may also help you work through your feelings, which can help treat instances of trauma.
Psychoanalytic therapy can have a significant impact on the functioning of people with psychosis.
Nowadays, people are suffering from Stroke and high blood pressure kind of diseases, and patients need the best doctor for the treatment of these conditions. The Neuro Life Brain and Spine Surgery Center has the best doctor for the treatment. The best Neurosurgeon in Ludhianaare present at our hospital.
Issues related to the brain and spine can affect your whole nervous system and cause interruptions in various aspects of your life. Health problems can occur at any time; therefore, being aware of the intensity of the problem and taking the right approach at the right time is extremely important. Delay in the treatment can worsen the situation as neurological disorders can be severely dangerous if not addressed correctly.
In this video, the patients talk about the skull fracture their child experienced due to an accident and the complications caused by it. The skull fracture caused the child to have seizures, which made the parents extremely concerned.
The doctors at Neuro Life Brain & Spine Centre performed a duraplasty surgery to treat the patient’s condition. The patient received a successful treatment, and the results were incredible. The child is not experiencing any seizures after the surgery and is now healthy, fit and fine.
At Neuro Life Brain & Spine Centre, we aim to find a cure for the problem and fix it from the core. Our patients always leave satisfied and happy to die to the high-standard services they receive at our healthcare facility. Our health centre is equipped with all the necessary and advanced technological tools required to meet the modern standards of the medical field. Our doctors have years of experience in the medical field.
Every patient who arrives at our health facility experiences extreme comfort due to the friendly and supportive staff that helps them through the treatment. If you are dealing with any neurological disorder or spine problem, do not ignore it and contact the Neuro Life Brain & Spine Centre today!
Neurology is the study of spinal cords, brains, and peripheral nerves. It is a type of medical subject which is used to treat neurological disorders. Neurological health controls and coordinates diverse body functions, from the brain to movement, such as feeling, emotions, thinking, and more. A Neurologist in Punjabis essential in figuring out or treating neurological problems.
If you notice unusual symptoms like headaches, pain in the back or neck, numbness, vision problems, movement issues, sleep problems, or abnormal brain issues, it is essential to consult with a Neurosurgeon in Ludhianaor a neurologist who can help reduce symptoms and enhance overall health.
5 Tips to Find the Neurologist
Thoroughly research
When you suffer from neurological disorders, you can find a neurologist on the internet. You can thoroughly research and determine the best for your condition. You can look at patient reviews, feedback, services, costs, and more to help you find the right neurologist.
Take recommendation
You can freely ask your friends, family and neighbors because they suggest the right neurologist. You can also make a list of neurologists and compare it. This step also helps find the right neurologist in a short time.
Experience and expertise.
Before visiting the neurologist, you should consider their experience and expertise, which are crucial for your neurological condition. Experienced experts provide exceptional treatment for your issues.
Determine hospital service
You can visit the hospital and see that it has advanced facilities. Advanced equipment in the hospital can ensure that you can get reliable treatment.
Communication skill
When you look at patient reviews and feedback, you can understand what kind of neurologist provides treatment. You can search nearby your location to easily follow up on your appointment.
Benefits of neurologist
Identify Your neurology condition
Neurologists use the most advanced and safest techniques to determine our health conditions and neurological issues.
Provide the right treatment
When a Neurosurgeon in Ludhiana understands the causes of neurological disorders, they can provide advanced and reliable treatment to manage the condition in the long term.
Enhance the quality of life
Taking appropriate solutions for your neurological disease can enhance your quality of life.
Neurological disorders
Spinal cord injury
A common neurological issue is spinal cord injury, which can happen anytime, such as a sudden fall, vehicle accident, infection, or birth injury. Spinal cords play an essential role in our body and carry many nerves that transfer messages between the brain and movement. Sometimes, spinal cord injury needs surgery to restore flexibility.
Constantly headaches
Constant headaches for 1 to 2 weeks mean you are struggling with migraine issues. you may experience signs such as nausea, discomfort in the back of the head or neck, and sensitivity to light. In that condition, you must be a Neurologist in Punjab for a proper diagnosis or solution.
Stroke
Stroke is a typical neurological disease that can disrupt blood flow to the brain. This neurology condition can damage brain cells.
Alzheimer’s Disease
It is a severe neurological condition in which a patient can suffer from brain-related issues like cognitive decrease, behavioral changes and memory loss.
Neurological health is essential for our body because it helps to control and coordinate body functions. If you or your loved one suffers from neurological issues such as stroke, migraine, brain issues, and more, you need to find the right Neurologist in Punjab. They can help provide top-quality solutions from diagnosis to treatment. Neurolife Brain and Spine Centre has experts who provide advanced treatment, from medication to surgical procedures.
Communication or link between your gut and brain is referred to as the gut- brain axis. They are interlinked both physically and biochemically in numerous ways.
According to the top Neurologist in Punjab, they have a greater influence on each other’s health. You might be familiar with the gut feeling or feeling of butterflies in your stomach.
These are sensations from your belly that indicate that your gut and brain are connected well. According to recent studies done in top medical institutions, it is found that gut health has a profound impact on brain health too. It can also lead to the problems associated with movement disorders.
In this blog, you will read about the gut-brain axis or the foods that make this link strong.
The contact link between your gut and brain is referred to as the gut-brain axis, which connects your brain.
Neurons In the Brain & Gut
Neurons are the cells found in the central nervous system and in your brains, it guides your body about how to behave.
Human brain consists of 100 billion neurons. If the central nervous system is altered by cells internally then it can lead to severe Psychotic Disorder.
Your gut contains 500 million neurons (isn’t it interesting?), and they are connected to your brain through the nerves in your nervous system.
Vagus Nerve
The Vagus nerve is the significant nerve connecting your gut and brain. It works to send signals to both the brain & gut. If you feel that there is a miscommunication between your brain function & body movement, then consult today with our Neurosurgeon in Ludhiana.
According to research on animals, it is concluded that if the signals of stress are resisted by the vagus nerve to send it to the brain, it creates gastrointestinal problems.
Neurotransmitters
The brain and gut are also linked with biochemicals referred to as neurotransmitters. Neurotransmitters are responsible for managing feelings and emotions in the brain.
For example, neurotransmitters named serotonin contribute to managing your body clock and trigger the emotion of happiness in your brain.
Trillions of microbes are living in the gut cells from where many of these neurotransmitters are produced. It is an amazing fact that a large proportion of your happiness comes from the gut, as it produces a large amount of serotonin.
GABA
GABA (Gamma-Aminobutyric Acid ) is another neurotransmitter produced in the gut microbes. It contributes to controlling feelings of stress and anxiety.
Studies done on laboratory mice gave results of certain probiotics, which enhanced the production of GABA in them to reduce anxiety and depression-like behaviour.
Conclusion
Gut and brain are connected physically though millions of nerves, significantly the vagus nerve. Gut and microbes present in gut controls inflammation. Many types of compounds are made in the gut, if it gets unbalanced then greatly influences the brain functioning.
Medications like Probiotics & Prebiotics have shown their results in reducing levels of stress, anxiety and depression-like problems. If you are seeking medical treatment for your neurological disorders, then book your appointment today at Neurolife Brain & Spine to consult with our top Neurologist in Punjab.
In sports, injuries are prevalent. Sports-related head injuries include a wide range of ailments, from minor concussions to catastrophic traumatic brain injuries. These injuries arise from a blow, jolt, or intense trauma to the head that impairs the brain’s normal function. Specific head injuries can have apparent symptoms right away, while others may be more subtle and take time to show up, making diagnosis and treatment more difficult. The best neurologist in Punjab offers you appropriate treatment.
What is the definition of traumatic brain injury?
An external force- including a charge in brain function or other signs of brain pathology is referred to as a traumatic brain injury. This force can be caused by a blow to the head, an abrupt change in speed or direction or an object penetrating the skull. Traumatic brain injuries can be mild, moderate or severe, affecting cognitive, physical and psychological functioning to different degrees. A traumatic brain injury can cause loss of consciousness, disorientation, memory loss, headaches, nausea, dizziness, mood swings and sensory abnormalities.
The Head Trauma Anatomy:
Define head trauma: Recognizing the range of injuries from concussions to traumatic brain injuries.
Mechanisms of harm: investigating the effects of head trauma in different sports and activities.
The function of safety equipment is to evaluate how well helmets and other gear reduce the risk of brain injuries.
The Effect on Sportsmen:
Effects right away: Being aware of the warning signs and symptoms of brain trauma both during and right after sports-related occurrences.
Long-term effects: investigating the possible behavioral, psychological, and neurocognitive impacts of recurrent head trauma.
Testimonials and case studies: hearing about the healing process of athletes who have suffered head traumas.
What are the symptoms of head trauma?
Depending on the exact location of the brain injury and its severity, symptoms of traumatic brain injury differ significantly. These symptoms could appear right away following the accident, or they could take time to show up. Typical signs and symptoms include:
Physical symptoms
Headache
Nausea or vomiting
Dizziness
Sensitivity to light or noise
Blurred vision or changes in vision
Fatigue or drowsiness
Cognitive Symptoms:
Confusion or disorientation
Difficulty concentrating or remembering new information
Slurred speech or difficulty finding the right words
Trouble with decision-making or problem-solving
Emotional and Behavioral Symptoms:
Irritability or mood swings
Anxiety or depression
Agitation or restlessness
Changes in personality
Social withdrawal or isolation
Sensory Symptoms:
Ringing in the ears
Loss of taste or smell
Changes in hearing
Sensory hypersensitivity
Consciousness and Alertness:
Loss of consciousness
Dazed or confused state
Difficulty waking up from sleep
What are the treatment plans for traumatic brain injury?
Following are a few typical elements of TBI treatment programmes:
Emergency Medical Attention:
In cases when a traumatic brain injury is severe, immediate medical attention may be required to stabilize the patient and manage potentially fatal sequelae.
Monitoring intracranial pressure, oxygen saturation, and vital signs in the intensive care unit can be necessary.
Drugs:
Prescription drugs may be used to treat symptoms including depression, agitation, migraines, seizures, or pain.
Anti-seizure drugs can be used to treat or prevent seizures, particularly in the moments following a traumatic brain injury.
Rehabilitation therapy:
Physical therapy: Enhancing mobility, strength, balance, and coordination is the primary goal of physical therapy.
OT: Assists patients in regaining their independence in daily tasks, including grooming, eating, and showering.
Speech therapy: Treats cognitive-communication deficiencies, swallowing issues, and communication challenges.
Cognitive rehabilitation: Cognitive rehabilitation uses methods and exercises to help with memory, concentration, problem-solving, and other mental abilities.
Support for Psychology:
Psychotherapy or counseling can help address emotional and psychological issues, including sadness, anxiety, or adjusting to life after an injury.
Individuals with traumatic brain injury and their families can interact with others going through similar things in support groups, where they can exchange stories and coping mechanisms.
Head injuries are very common because of sports. Thebest neurosurgeon in Ludhianawill give you proper guidance if needed. Contact Neuro Life Brain & Spine Centre for the treatment of head sport injury.
People of different ages are suffering from other health issues, and Stroke and high blood pressure are very common. Several reasons are responsible for treating high blood pressure and Stroke, and different treatment plans are available for high blood pressure and Stroke. The best neurologist in Punjab will provide you with the treatment.
What is the difference between high blood pressure and Stroke?
High blood pressure: High blood pressure is a common condition that affects the body’s arteries. It is also known as hypertension. In this condition, the blood pushing your arteries against the artery walls is consistently too high. The heart has to work harder to pump blood. Blood pressure is measured in millimeters of mercury. Hypertension is a blood pressure reading of 130/80 millimeters of mercury.
Stroke: A stroke is a medical emergency. An ischemic stroke occurs when the blood supply to part of the brain is blocked or reduced. It prevents brain tissue from getting oxygen and nutrients. The brain begins to die in minutes. Another type of Stroke is a hemorrhagic stroke. It occurs when a blood vessel in the brain leaks or bursts and causes bleeding in the brain. The blood increases pressure on brain cells and damages them.
What are the treatment plans for hypertension and Stroke?
There are different types of treatment plans the doctors suggest according to the condition of the patient for high blood pressure and Stroke.
High blood pressure
Angiotensin-converting enzyme: The inhibitors block the production of the angiotensin II hormone, which the body naturally uses to manage blood pressure. When the medicine blocks angiotensin, your blood vessels don’t narrow.
Angiotensin II receptor blockers: It blocks this same hormone from binding with receptors in the blood vessels. ARBs work like ACE inhibitors to keep blood vessels from narrowing.
Calcium channels: Calcium channel blockers prevent calcium from entering the muscle cells of your heart and blood vessels, allowing these vessels to relax.
Diuretics: A diuretic is a water or fluid pill that flushes excess sodium from your body, reducing the amount of fluid in your blood. People often take diuretics with other high blood pressure medicines, sometimes in one combined pill.
Stroke
Medicines: The medications and treatments used vary depending on the type of Stroke and how soon a person receives treatment after the Stroke. There are also long-term treatments for Stroke. These happen in the days and months after emergency treatment deals with a stroke’s immediate threat.
Thrombolytic drugs: Thrombolytic drugs are an option within the first three hours after stroke symptoms start. These medications dissolve existing clots.
Surgery: Surgery is sometimes necessary to relieve the pressure on your brain. This is especially true with subarachnoid hemorrhage, which are easier to reach because they are on the outer surface of your brain, and the surgery is Performed by the best Neurosurgeon in Ludhiana.
Stroke rehabilitation: One of the most important ways to treat Stroke is to help a person recover or adapt to the changes in their brain. That is especially true when it comes to assisting them to regain the abilities they had before the Stroke.
Nowadays, people are suffering from Stroke and high blood pressure kind of diseases, and patients need the best doctor for the treatment of these conditions. The Neuro Life Brain and Spine Surgery Center has the best doctor for the treatment.