हल्का सिरदर्द तो आजकल लगभग हर व्यक्ति को होता है,वही कुछ लोग को गंभीर सिरदर्द या फिर माइग्रेन जैसी समस्या से गुजरना पड़ता है | लेकिन क्या आपको यह बात पता है की पुरूषों की तुलना में महिलाओं को माइग्रेन होने खतरा ज़्यादा होता है |
न्यूरो लाइफ ब्रेन & स्पाइन सेंटर के सीनियर कंसलटेंट डॉ अमित मित्तल जो की ब्रेन और स्पाइन सर्जन में एक्सपर्ट है, उनका कहना है की महिलाओं में हार्मोनल के उतर-चढ़ाव पुरुषों को तुलना में अधिक होता है, जिससे उनमे माइग्रेन जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है | माइग्रेन एक ऐसा सिरदर्द है जो आमतौर पर सिर के एक तरफ से शुरू होता है | इसके मुख्य लक्षण है मल्टी या उलटी होना, प्रकाश और शोर जैसे पर्यावरण से सवेदनशील होना आदि | आमतौर पर यह सिरदर्द 4 घंटे से अधिक समय तक नहीं रहता, परंतु कुछ लोगों में यह सिरदर्द 2 -3 दिन तक रहता है |
डॉ अमित मित्तल ने बताया की पीरियड्स के दौरान भी माइग्रेन स्थिति को बिगाड़ देती है | पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन काफी अधिक मात्रा में होता है | इस साइकिल की वजह से एस्ट्रोजन नाम के हार्मोन्स माइग्रेन को ट्रिगर करते है , जो की सिरदर्द का कारण बनता है | कई महिलाएं हार्मोन को कण्ट्रोल करने की दवा का सेवन करते है, लेकिन इन दवाओं के सेवन से माइग्रेन होने का रिस्क अधिक हो जाता है |
एक आंकड़े के अनुसार दुनियाभर में 18-40 वर्ष की महिलाओं में माइग्रेन की समस्या अधिक पायी गयी है, जिसका सही समय पर इलाज करवाना बेहद आवश्यक है | अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे है तो आप न्यूरो लाइफ ब्रेन & स्पाइन सेंटर का चयन कर सकते है | जिससे आपको इस समस्या से जल्द से जल्द छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है |