डॉक्टरों का कहना है की ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो ज्यादातर फेफड़ों को प्रभावित करता है। अगर इस जानलेवा बीमारी का सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह मौत का कारण भी बन सकता है। इसके अलावा ब्रेन टीबी की समस्या क्यों होती है, इसके लक्षण क्या है और इससे हम कैसे खुद का बचाव कर सकते है इस बात पर खास ध्यान रखें ;
क्या है ब्रेन टीबी ?
- दरअसल टीबी की बात करें तो ये सिर्फ फेफड़े में ही नहीं दिमाग को भी प्रभावित कर सकती है। आपको बता दें कि टीबी के बैक्टीरिया धीरे-धीरे ब्रेन में प्रवेश करते है और एक गांठ का निर्माण करते है।
- यही गांठ बाद में टीबी का रूप ले लेती है, जिससे मस्तिष्क की झिल्लियों में सूजन या गांठ विकसित होने लगती है। और इस गांठ को मेनिन्जाइटिस ट्यूबरकुलोसिस, मेनिन्जाइटिस या ब्रेन टीबी के नाम से जाना जाता है।
- अगर आप भी इस तरह की समस्या का सामना कर रहें है तो इससे बचाव के लिए आपको जल्द लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट के संपर्क में आना चाहिए।
ब्रेन टीबी के लक्षण क्या है ?
- इसके लक्षण शुरुआती दौर में तो सामान्य होते है, लेकिन जैसे-जैसे आपके द्वारा लापरवाही की जाती है वैसे ही इसके लक्षणा गंभीर हो जाते है। वहीं इसके सामान्य लक्षण में थकान और अस्वस्थता नज़र आती है।
- और इसके गंभीर लक्षण होने पर आपको गर्दन में अकड़न, सिरदर्द और हल्की संवेदनशीलता का महसूस होना। इसके अलावा, आप निम्न लक्षणों का अनुभव भी कर सकते है, जैसे :
- बुखार की समस्या।
- उलझन महसूस होना।
- मतली और उल्टी की समस्या का सामना करना।
- सुस्ती का आना।
- चिड़चिड़ेपन की समस्या का सामना करना।
- बेहोशी की हालत में होना आदि।
अगर इसके लक्षण ज्यादा गंभीर नज़र आ रहें है और आपके दिमाग पर इसका गहरा असर पड़ रहा है, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोसर्जन का चयन करना चाहिए।
क्यों होती है ब्रेन टीबी की समस्या ?
- वैसे देखा जाए तो दिमाग के टीबी की समस्या एक-दूसरे से नहीं फैलती लेकिन, जब फेफड़ों की टीबी से संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता है तो उसके मुंह से निकली बूंदें दूसरे व्यक्ति के अंदर आसानी से प्रवेश कर जाते है।
- वहीं ये बूंदें यदि दिमाग में प्रवेश कर जाती है, तो व्यक्ति के दिमाग में टीबी या ब्रेन टीबी होने की संभावना और अधिक बढ़ जाती है।
सुझाव :
ब्रेन में टीबी का होना काफी खतरनाक माना जाता है, क्युकी इससे आपके जान जाने का भी भय हो सकता है, इसलिए जरूरी है की इसके लक्षण ज्यादा गंभीर होने से पहले आपको न्यूरो लाइफ ब्रेन एन्ड स्पाइन सेंटर के सम्पर्क में आना चाहिए।
ब्रेन टीबी का पता किन टेस्टों के माध्यम से लगाया जा सकता है ?
- मेनिन्जेस की बायोप्सी को करवाकर आप इस बीमारी का पता लगा सकते है।
- ब्लड कल्चर से भी।
- छाती का एक्स-रे करवा कर भी।
- सिर का सीटी स्कैन करवाना।
- ट्यूबरक्लोसिस के लिए त्वचा का टेस्ट करवाना आदि।
इलाज क्या है ब्रेन टीबी का ?
- ब्रेन टीबी के इलाज में डॉक्टर पहले कुछ दवाओं के माध्यम से मरीज का इलाज करना शुरू करते है। यदि दवाओं से आराम नहीं मिलता है तब डॉक्टर थेरेपी कराने का सुझाव देते है।
- ब्रेन ट्यूबरकुलोसिस या ब्रेन टीबी को डॉक्टर दो मुख्य प्रकार से सर्जरी कराने की सलाह देते है, ट्यूबरकुलस मेनिन्जाइटिस और ब्रेन ट्यूबरकुलोमा से जुड़े हाइड्रोसिफ़लस है। ट्यूबरकुलस मेनिन्जाइटिस अक्सर चिकित्सा उपचार के प्रति प्रतिक्रिया करता है, लेकिन चिकित्सा उपचार में असफल होने वालों के लिए तुरंत सर्जरी की आवश्यकता होती है।
- वेंट्रिकुलोपेरिटोनियल (वीपी) शंट और एंडोस्कोपिक थर्ड वेंट्रिकुलोस्टॉमी (ईटीवी) दोनों सर्जरी का सुझाव डॉक्टर द्वारा दिया जा सकता है।
- हालांकि बाद वाला क्रोनिक हाइड्रोसिफ़लस के रोगियों में तीव्र मेनिन्जाइटिस की तुलना में अधिक बार सफल होता है। अन्य रोगियों की तुलना में टीबीएमएच के रोगियों में वीपी शंट के बाद जटिलताओं का खतरा अधिक हो सकता है।
- इसके अलावा डॉक्टर मरीज की स्वास्थ्य स्थिति के बाद ही सर्जरी का निर्णय लेते है।
निष्कर्ष :
मस्तिष्क जोकि बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है, व्यक्ति के शरीर में इसलिए जरूरी है की इसका सही से कार्य करना बहुत जरूरी है और ये सही से कार्य तभी कर सकता है, जब आपके द्वारा इसका अच्छे से ध्यान रखा जाएगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न !
मस्तिष्क सर्जरी से जुड़े जोखिम और लाभ क्या हैं?
मस्तिष्क में सर्जरी के बाद मरीजों को मस्तिष्क की चोट, मस्तिष्क में सूजन और स्ट्रोक के कारण होने वाली गंभीर जटिलताओं का खतरा हो सकता है। वही इसके लाभ की बात करें, तो इस सर्जरी की मदद से आपकी हर तरह की दिमागी समस्या ठीक हो सकती है।
यदि दवा से सुधार नहीं हो रहा है तो क्या स्पाइनल टीबी का सर्जरी ही एकमात्र समाधान है ?
कई बार टीबी के कारण रीढ़ की हड्डी में ज्यादा क्षति पहुंचने लगती है, ऐसी गंभीर स्थिति में सर्जरी ही इसका एकमात्र इलाज है, जिसे स्पाइनल फ्यूजन ऑपरेशन किया जाता है।
क्या एक्सडीआर टीबी के इलाज में सर्जरी अनिवार्य है ?
इलाज दवा प्रतिरोध की सीमा, रोग की गंभीरता और क्या रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली से समझौता किया गया है, इस पर निर्भर करता है। इसलिए सर्जरी का सहारा स्थिति गंभीर होने पर ही किया जाता है।